सर्दियों में होने वाली आम बीमारियों में से एक बीमारी जो सबसे ज्यादा परेशान करती हैं, उनमें टाइफाइड भी एक है। टाइफाइड को सर्दियों में सबसे खतरनाक रिस्क फैक्टर के तौर पर देखा जाता है।
टाइफाइड लंबे समय तक होने वाले बुखार की वजह से नहीं होता बल्कि, टाइफाइड होने से लंबे समय तक बुखार होने लगता है। लखनऊ के राम मनोहर लोहिया हॉस्पिटल में डॉक्टर शिखा वर्मा बताती हैं कि अगर आप इसका इलाज बुखार के तौर पर करते हैं, तो आप गलत हैं।
इसके कुछ खास लक्षण होते हैं, जैसे हाई फीवर और एंग्जाइटी। अगर आप में इस तरह के लक्षण दिखाई दे रहे हैं तो तत्काल डॉक्टर से संपर्क करें। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के मुताबिक, दुनियाभर में हर साल लगभग 2.1 करोड़ मरीज टाइफाइड का शिकार होते हैं।
क्या होता है टाइफाइड?
“साल्मोनेला एंटेरिका सेरोटाइप टाइफी” एक तरह का बैक्टीरिया होता है। दूषित पानी और खाने की चीजों में यह बैक्टीरिया पैदा होता है। इसके जरिए यह हमारे शरीर में घर कर जाता है। गर्मियों की तुलना में सर्दियों में यह ज्यादा फैलता है। शरीर में जाने के बाद एक से दो हफ्ते में यह वायरस असर दिखाने लगता है। इससे जो बीमारी होती है, उसे टाइफाइड कहा जाता है।
टाइफाइड एक तरह की सेमी-कम्युनिकेबल डिजीज है। यानी यह एक से दूसरे में डायरेक्ट तो नहीं फैलता, लेकिन आप इससे पीड़ित किसी व्यक्ति के साथ खाना-पीना साझा कर रहे हैं तो यह बीमारी होने का खतरा बढ़ जाता है। ये बैक्टीरिया पानी या सूखे सीवेज में हफ्तों तक जिंदा रह सकते हैं। टाइफाइड को ठीक होने में लगभग एक से दो हफ्ते और कभी-कभी तीन से चार हफ्ते लग सकते हैं। ज्यादा लंबे समय तक टाइफाइड होने पर शरीर का इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाता है। इससे दूसरी बीमारियों का जोखिम बढ़ जाता है।
क्या होते हैं टाइफाइड के लक्षण?
- लगातार ज्यादा बुखार आना और बुखार के साथ जरूरत से ज्यादा ठंड लगना, टाइफाइड का सबसे कॉमन लक्षण है। बुखार का स्तर कभी-कभी 104 डिग्री तक भी हो सकता है।
- सिरदर्द इसका दूसरा लक्षण है। अगर बुखार के साथ आपके सिर में दर्द महसूस हो रहा है तो यह टाइफाइड हो सकता है। ऐसी स्थिति में डॉक्टर से संपर्क करने में देर न करें।
- टाइफाइड होने पर शरीर में लगातार दर्द होता है। मांसपेशियों में जकड़न महसूस होती है, जॉइंट्स यानी जोड़ों में कुछ ज्यादा ही दर्द होता है।
- इसमें शरीर में दर्द, सिर दर्द और बुखार के अलावा भूख न लगने की समस्या भी हो जाती है। इससे पीड़ित की डाइट आधे से भी कम हो जाती है। यह पीड़ितों में कमजोरी की वजह बनता है, वेट लॉस होता है और इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाता है।
- टाइफाइड में घबराहट भी होती है। यानी अगर यह ज्यादा सीवियर या गंभीर हो जाएं तो, पीड़ित मानसिक तौर पर परेशान रहने लगता है। एंग्जाइटी और तनाव भी टाइफाइड के लक्षणों में से एक हैं।
- टाइफाइड हो जाने पर डाइजेस्टिव सिस्टम पर भी बहुत बुरा असर पड़ता है। इससे दस्त, एसिडिटी और पेट दर्द की समस्या भी होने लगती है।