कोरोना वायरस के संकट के बीच कुंभ मेला की तैयारियां जोरो शोरो पर हैं. इस संकट की घण्टी को देखते हुए इस बार कुंभ का महाआयोजन हरिद्वार में किया जा रहा है. आपको तो पता ही होगा की हर 12 साल में कुंभ मेले का आयोजन होता है, लेकिन इस बार 11वें साल में कुंभ का आयोजन हो रहा है. क्योंकि साल 2022 में गुरु, कुंभ राशि में नहीं होंगे. इसके साथ ही इस वर्ष 11 मार्च यानि महाशिवरात्रि के दिन कुंभ का पहला शाही स्नान होगा.
कुंभ स्नान का महत्व
हिंदू धर्म में कुंभ स्नान का विशेष धार्मिक महत्व है. ऐसा माना जाता है कि कुंभ स्नान करने से सभी प्रकार के पापों से मुक्ति मिल जाती है, वहीं मोक्ष भी प्राप्त होता है. कुंभ स्नान से पितृ भी शांत होते हैं और अपना आर्शीवाद प्रदान करते हैं.
कुंभ मेला 2021 का शुभ मुहूर्त और तिथि पहला शाही स्नान:
11 मार्च शिवरात्रि दूसरा शाही स्नान:
12 अप्रैल सोमवती अमावस्या तीसरा मुख्य शाही स्नान:
14 अप्रैल मेष संक्रांति चौथा शाही स्नान:
27 अप्रैल बैसाख पूर्णिमा इस बार एक वर्ष पहले लग रहा है कुंभ कुंभ का आयोजन ज्योतिष गणना के आधार पर होता है. कुंभ के आयोजन में सूर्य और देव गुरु बृहस्पति की अहम भूमिका मानी जाती है. इन दोनों ही ग्रहों की गणना के आधार पर कुंभ का आयोजन तय होता है. कुंभ पर 4 शाही स्नान और 6 दिन प्रमुख स्नान होंगे.
कोरोना का असर
कुंभ मेला में आने के लिए इस बार कुछ नियमों का पालन करना होगा. ऐसा कोरोना वायरस के खतरे के कारण किया जा रहा है. इस वर्ष जो भी बस और ट्रेन कुंभ मेला के लिए श्रद्धालुओं को लेकर आएंगी, उन्हें थर्मल स्क्रीनिंग सहित अन्य आवश्यक प्रक्रियों से गुजरना होगा.