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1 जुलाई से अमरनाथ यात्रा शुरू, पूरे 2 महीने चलेगी यात्रा

अमरनाथ यात्रा की तैयारियां अंतिम चरण में हैं और इस बार करीब 5 लाख श्रद्धालुओं के यात्रा में शामिल होने की उम्मीद है। क्या है सरकार, प्रशासन और यात्रियों की तैयारियां, आइए एक नजर डालते हैं।

अंतिम चरण में हैं तैयारियां- 

अमरनाथ तीर्थ यात्रा के लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन 17 अप्रैल से ही जारी है और अब तक करीब ढाई लाख यात्री पंजीकरण करवा चुके हैं। श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड की ओर से बालटाल, पहलगाम और श्रीनगर रूट के लिए जल्द ही हेलिकॉप्टर सेवा की भी ऑनलाइन बुकिंग शुरू कर दी जाएगी। प्रवेश द्वार लखनपुर से कश्मीर तक यात्रा संबंधी तैयारियों को 15 से 20 जून के बीच पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। शिवभक्तों के स्वागत के लिए आधार शिविर भगवती नगर जम्मू में भी मरम्मत सहित अन्य कार्यों को अंतिम रूप दिया जा रहा है।

सुरक्षा के कड़े इंतजाम- 

अमरनाथ यात्रा में इस बार भी श्रद्धालुओं की सुरक्षा की विशेष तैयारियां की गई हैं जिससे उन्हें किसी भी प्रकार की कोई परेशानी का सामना न करना पड़े। यात्रा की सुरक्षा में तैनात की जाने वाली अर्धसैनिक बलों की कंपनियां 20 जून तक जम्मू पहुंचने लगेंगी । इनमें सबसे ज्यादा कंपनियां सीआरपीएफ की होंगी। इसके अलावा आईटीबीपी, बीएसएफ, एसएसएफ, सीआईएसएफ की कंपनियां भी अतिरिक्त कंपनियों में शामिल होंगी। यात्रा के दौरान आतंकी हमलों की आशंका को देखते हुए लखनपुर से लेकर पवित्र गुफा तक करीब 60 हजार सुरक्षाबलों की चप्पे-चप्पे पर तैनाती की जाएगी। इनमें सबसे अधिक संख्या जम्मू-कश्मीर पुलिस और सीआरपीएफ की होगी।  

तीर्थयात्रियों का स्वास्थ्य सर्वोपरि-

तीर्थयात्रियों के स्वास्थ्य के लिए प्रशासन की तरफ से विशेष तैयारियां की जा रही हैं । इसके लिए लंगरों में जंक और तला हुआ भोजन परोसने की अनुमति नहीं दी जाएगी। ऐसे करीब 120 लंगर लगने हैं । इसके साथ ही यात्रियों की नियमित जांच के लिए डॉक्टरों की अतिरिक्त टीमें लगाई जाएंगी। किसी भी मेडिकल इमरजेंसी से निपटने के लिए पर्याप्त संख्या में बेड और एंबुलेंस उपलब्ध कराई जाएंगी। इस व्यवस्था को देखते हुए मातृत्व अवकाश और चिकित्सा आधार पर परिवर्तित अवकाश को छोड़कर डॉक्टरों और पैरा-मैडीकल स्टाफ के सभी प्रकार के अवकाश 19 जून से रद्द कर दिए गए हैं।  

5 लाख रुपये का बीमा कवर- 

सभी तीर्थयात्रियों को आरएफआईडी कार्ड दिए जाएंगे ताकि उनकी वास्तविक वर्तमान स्थिति (रियल टाइम लोकेशन) का पता लगाया जा सके और सभी को 5 लाख रुपये का बीमा कवर दिया जाएगा। 

5 लाख श्रद्धालुओं के पहुंचने का अनुमान-

पिछले साल करीब 3 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने बाबा बर्फानी के दर्शन किए थे और इस साल यह संख्या 5 लाख के पार पहुंच जाने का अनुमान लगाया जा रहा है। किसी भी प्रकार की अव्यवस्था या अनहोनी से निपटने के लिए शिविरों के अतिरिक्त स्थानों की पहचान शुरू कर दी गई है। गौरतलब है कि पिछले साल भारी बारिश के कारण पवित्र गुफा के पास अचानक आई बाढ़ से जान-माल की हानि हुई थी। 

भक्त कर सकेंगे पर्यटन स्थलों का भ्रमण-

अमरनाथ यात्रा में शामिल भक्तों को जम्मू शहर सहित अलग-अलग पर्यटन स्थलों का भ्रमण व धार्मिक स्थानों के दर्शन कराने की योजना पर भी काम किया जा रहा है । इतनी संख्या में यात्रियों के आवागमन से स्थानीय व्यापार को भी बढ़ावा मिलेगा। 

इस बार की अमरनाथ यात्रा 1 जुलाई से शुरू होकर 31 अगस्त को समाप्त होगी और यह यात्रा 2 महीने अर्थात 62 दिनों तक चलेगी।

रजत द्विवेदी