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एंटी बायोटिक्स से कहीं ज्यादा असरदार है शहद, सिर्फ दो चम्मच से भागे सर्दी - जुकाम

जिस तरह मौसम का मिजाज बदल रहा हैं उसमें ज्यादातर लोग सर्दी - जुकाम और खांसी के शिखार हो जाते हैं. ऐसे में हम डॉक्टर द्वारा दी गई या फिर केमिस्ट की सलाह से कोई एंटी बायोटिक दवा ले लेते हैं. लेकिन अगर हम इस एंटी बायोटिक की जगह बड़े-बुजुर्गों के सुझाव सदियों पुराने नुस्खे पर अमल करते हुए शहद का सेवन करें, तो जल्दी स्वस्थ्य हो सकते हैं. क्योंकि शहद एंटी बायोटिक से कहीं ज्यादा असरदार है. दिन में दो बार एक चम्मच शहद खाने से सर्दी, जुकाम, खांसी, गले की खराश, सीने में जकड़न की समस्या हफ्तेभर में दूर हो जाती है. 

  
आपको बता दें शहद न सिर्फ सर्दी जुकाम में शरीर को आराम पहुंचाता है बल्कि इसे गर्म पानी में मिलाकर पीने से वजन घटाने में भी मदद मिलती है. अब शहद को लेकर ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने भी ये बात सामने रखी है कि शहद के सेवन से सर्दी-जुकाम को ठीक किया जा सकता है. एक नई स्टडी के मुताबिक शहद सर्दी-जुकाम में दवाइयों से ज्यादा असर करती है. स्टडी के अनुसार सर्दी जुकाम में शहद का सेवन करने से शरीर दवाइयों के मुकाबले जल्दी ठीक हो जाता है.

फ्लू जैसी बीमारियों में शहद का इस्तेमाल
शोध कर्ताओं के अनुसार सर्दी-खांसी और फ्लू जैसी बीमारियों में शहद का इस्तेमाल करने से जल्दी आराम मिलता है. यह एंटी बायोटिक दवाइयों के मुकाबले ज्यादा सुरक्षित, सस्ती और आसानी से उपलब्ध होने वाली चीज है. शोध कर्ताओं ने डॉक्टरों से गुजारिश की है कि सर्दी जुकाम के रोगियों को एंटी बायोटिक्स की जगह शहद खाने को दिया जाए. आपको बता दें कि एंटी बायोटिक्स के कई साइड इफेक्ट्स है जिसका शरीर पर बुरा असर पड़ सकता है.

आपको बता दें कि सर्दी-जुकाम के दौरान शहद का इस्तेमाल काफी पहले समय से हो रहा है लेकिन अब रिसर्च में भी इस बात का पता चल चुका है कि शहद सर्दी-जुकाम को ठीक करने में कारगर साबित हो सकती है. ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के मेडिकल स्कूल एंड नफील्ड डिपार्टमेंट ऑफ प्राइमरी केयर हेल्थ साइंसेस के शोध कर्ताओं ने बताया कि शहद का इस्तेमाल कर यह देखा गया कि कैसे ये अपर रेसपिरेटरी ट्रैक्ट इंफेक्शन्स पर रेस्पॉन्ड करता है. URTIs सर्दी-जुकाम की तरह ही एक आम बीमारी है जो कि नाक, साइनस और सामस लेने की नली को प्रभावित करती है.

शहद एंटी बायोटिक्स की तुलना में सस्ती और आसानी से उपलब्ध
BMJ Evidence-Based Medicine के जर्नल में प्रकाशित एक लेख में उन्होंने बताया कि अपर रेसपिरेटरी ट्रैक्ट इंफेक्शन्स में शहद कमाल का काम करती है. इसके अलावा शहद एंटी बायोटिक्स की तुलना में सस्ती और आसानी से उपलब्ध भी हो जाती है. शहद एंटी माइक्रोबियल के शरीर में फैलने की प्रक्रिया को धीमा कर देती है. वहीं शोधकर्ताओं का मानना है कि बच्चों पर शहद बड़ों की तुलना में जल्दी असर करता है. ऐसे में बच्चों को सर्दी-जुकाम में शहद देने से उनका शरीर जल्दी ठीक हो सकता है.