कसार देवी मंदिर : वैज्ञानिक और आध्यात्मिक ऊर्जा का अद्भुत संगम
भारत में एक ऐसा मंदिर है, जिसके रहस्य को जानकर नासा भी हैरान हो गया। ये मंदिर है उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले में और इसका नाम है कसार देवी मंदिर।
योग राजधानी के रूप में प्रसिद्ध ऋषिकेश में मौजूद इस मंदिर के दर्शन करने लोग दूर-दूर आते हैं। ये मंदिर अपने एक अनोखे चुंबकीय चमत्कार के लिए लोकप्रिय है। कहते हैं, इस मंदिर की शक्तियां शरीर को अपनी तरफ खींच लेती है। ये मंदिर दुनिया की उन चुनिंदा जगहों में से एक है जहां मैग्नेटिक एनर्जी पाई जाती है। इस मंदिर की धूनी यानि राख के बारे में लोगों का मानना है कि इससे हर तरह का मानसिक रोग ठीक हो सकता है। मंदिर में एक ऐसी अद्वितीय चुंबकीय शक्ति है जो भक्तों को मानसिक शांति प्रदान करती है।
पौराणिक मान्यताओं की बात करें तो माना जाता है कि माता कात्यायनी इस मंदिर में साक्षात अवतरित हुई थीं। साल 1890 में स्वामी विवेकानंद ध्यान के लिए कुछ महीनों के लिए यहां आए थे। यहां उनके नाम की एक गुफा भी हैं। स्वामी विवेकानंद को ये जगह इतनी पसंद आई थी कि उन्होंने अपने लेखन में इसका जिक्र भी किया था। कालान्तर में कसार देवी लोगों में इतनी लोकप्रिय हुई कि यहां कई विदेशी लेखक, आध्यात्मिक चिंतक और संगीतकार आते-जाते रहे । 70 के दशक में हिप्पी संस्कृति के दौर में ये जगह हिप्पी हिल बन गई थी।
इस मंदिर में हर साल कार्तिक पूर्णिमा के मौके पर कसार मेला लगता है, जिसे देखने हजारों की संख्या में लोग दूर-दूर से आते हैं। कसार देवी मंदिर को शक्तिपीठ माना जाता है, जहाँ अदृश्य शक्तियाँ और देवी की शक्ति रहती हैं। स्थानीय लोग कहते हैं कि यहाँ एक अलग सी ऊर्जा महसूस होती है, जो ध्यान और साधना के लिए उपयुक्त है।