उत्तराखंड में स्थित चार धामों में से एक बद्रीनाथ धाम के कपाट 18 मई की सुबह सवा चार बजे आम लोगों के दर्शन के लिए खोल दिए जाएंगे। शिवरात्रि (11 मार्च) को केदारनाथ धाम के कपाट खोलने की तारीख तय होगी। गंगोत्री और यमुनोत्री के कपाट अक्षय तृतीया यानी कि 14 मई को खुलेंगे।
बद्रीनाथ धाम के धर्माधिकार भुवनचंद्र उनियाल ने बताया बसंत पंचमी के अवसर पर टिहरी नरेश महाराजा मनुजेंद्र शाह द्वारा बद्रीनाथ मंदिर के कपाट खोलने की तारीख नरेंद्रनगर राज महल में घोषित की गई। कुलपुरोहित और पंडितों द्वारा विधि-विधान से पूजा अर्चना कर कपाट खोलने की तिथि निकाली गई है।
शीतकाल में बद्रीनाथ की पूजा नारद जी करते हैं
गौरतलब है कि बद्रीनाथ के कपाट पिछले साल 19 नवबंर को शीतकाल के लिए बंद किए गए थे। मान्यता है कि शीतकाल में नारद मुनि बद्रीनाथ की पूजा करते हैं। कपाट खुलने के बाद यहां नर यानी रावल पूजा करते हैं और बंद होने पर नारदजी पूजा करते हैं। यहां लीलाढुंगी नाम की एक जगह है। यहां नारदजी का मंदिर है। कपाट बंद होने के बाद बद्रीनाथ में पूजा का प्रभार नारदमुनि का रहता है।