हिंदू धर्म में माघ पूर्णिमा का बहुत महत्व है. इसे माघी पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है. हर मास के शुक्ल पक्ष की अंतिम तिथि को पूर्णिमा तिथि होती है और उसी तिथि से नए माह की शुरुआत होती है. इस साल माघ मास की पूर्णिमा 27 फरवरी 2021 को है. इस दिन चंद्रमा अपनी पूर्ण कलाओं के साथ उदित होता है. पौराणिक मान्यता के अनुसार माघ पूर्णिमा पर प्रात: काल स्नान करने से रोगों का नाश होता है. दान करने से व्यक्ति के जीवन में आने वाली तमाम बाधाएं दूर होती हैं. इस दिन की जाने वाली पूजा से देवताओं का विशेष आर्शीवाद प्राप्त होता है. वहीं ऐसा भी माना जाता है कि माघी पूर्णिमा पर स्नान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है.
माघ पूर्णिमा शुभ मुहू्र्त
पूर्णिमा तिथि आरंभ: 26 फरवरी को 15 बजकर 50 मिनट.
पूर्णिमा तिथि समाप्त: 27 फरवरी को 13 बजकर 45 मिनट.
माघ पूर्णिमा के दिन घर में पूजा और सत्यनारायण की कथा आयोजित करने से नकारात्मक ऊर्जा नष्ट होती है और घर में खुशहाली बनी रहती है. इसके साथ ही गीता और रामायण का पाठ भी शुभ फलों में वृद्धि करने वाला माना गया है. धार्मिक आयोजन करने से घर के सदस्यों की तरक्की होती है. एक सुखद वातावरण का निर्माण होता है. दांपत्य जीवन में भी सुख-शांति बनी रहती है.
दान करें
माघ पूर्णिमा पर तिल और कंबल का दान अत्यंत शुभ माना गया है. इस दिन भगवान विष्णु पर तिल चढ़ाने की भी परंपरा है. तिल का सेहत से गहारा नाता है. इसके साथ ही जरूरतमंदों को काले कंबल का दान देने से भी कई तरह की बाधाओं को दूर करता है.