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अब सोशल मीडिया पर कंटेंट डालने से पहले एक बार सोच लें

 अभी तक सोशल मीडिया पर कंटेंट की बाढ़ सी आई हुई थी। इसमें हर तरह के कंटेंट होते थे अच्छे या बुरे। अब सरकार ने आॅनलाइन कंटेंट पर नकेल कसते हुए नई पाॅलिसी जारी कर दी है। सरकार ने जो नियम बनाए हैं वो इंफर्मेशन टेक्नोलॉजी एक्ट 2000 के तहत हैं। इस नई पाॅलिसी का नाम दिया है- इंफर्मेशन टेक्नोलॉजी (इंटरमीडियरी गाइडलाइंस और डिजिटल मीडिया एथिक्स कोड) रूल्स 2021 और इसमें ही सोशल मीडिया, ओटीटी और डिजिटल न्यूज कंपनियों के लिए गाइडलाइन तय की है।
आपके काम की बात करें तो तीन तरह के प्लेटफॉर्म्स के लिए नियम-कायदे बनाए गए हैं- 1. सोशल मीडिया, 2. डिजिटल न्यूज प्लेटफॉर्म्स और 3. ओवर-द-टॉप या ओटीटी प्लेटफॉर्म्स। आइए समझते हैं कि क्या नियम बने हैं और वह आपको किस तरह प्रभावित करेंगे।
1. सोशल मीडिया: ज्यादातर नियम एडमिनिस्ट्रेशन से जुड़े
नए नियमों की बात करें तो ज्यादातर एडमिनिस्ट्रेटिव नेचर के हैं। यूजर्स को कम और कंपनियों को ज्यादा प्रभावित करते हैं। यूजर्स के लिए अच्छी बात यह है कि सोशल मीडिया का दुरुपयोग बंद होगा। फेक न्यूज, अफवाहें, दुष्प्रचार और आपत्तिजनक कंटेंट रोकने में सरकार को मदद मिलेगी। सरकार कह रही है कि आलोचनाओं को नहीं रोकेंगे, बल्कि सिर्फ गड़बड़ी फैलाने की कोशिशों पर अंकुश लगाएंगे।
इस तरह के कंटेंट डालने से पहले रखना होगा ध्यान
    महिलाओं के सम्मान से जुड़े कंटेंट का खास ध्यान रखना होगा। अगर सोशल मीडिया पर किसी की आपत्तिजनक तस्वीर पोस्ट की जाती है, तो शिकायत मिलने के 24 घंटे के भीतर हटाना होगा। इसके लिए पीड़िता की शिकायत जरूरी नहीं होगी।
    कोई अदालत या सरकारी संस्था किसी आपत्तिजनक, शरारती ट्वीट या मैसेज के फर्स्ट ओरिजिनेटर की जानकारी मांगती है, तो कंपनियों को देनी होगी। ये भारत की अखंडता, एकता और सुरक्षा से जुड़े मामलों, सामाजिक व्यवस्था, दूसरे देशों से रिश्तों, रेप और यौन शोषण जैसे मामलों में लागू होगा। इस मामले में यह देखना होगा कि आरोप साबित होने पर यूजर को 5 साल की सजा हो सकती हो। फर्स्ट ओरिजिनेटर विदेशी है, तो कंटेंट को भारत में सबसे पहले पोस्ट करने वाले की जानकारी देनी होगी।