हिंदू धर्म में हर दिन का अपना-अपना महत्त्व है. आज बुधवार है. बुधवार के दिन खास तौर पर श्रीगणेश की पूजा-अर्चना करने का विधान है, क्योंकि श्री गणेशजी को विघ्नहर्ता कहा जाता है. वे स्वयं रिद्धि-सिद्धि के दाता और शुभ-लाभ के प्रदाता हैं. श्रीगणेश सभी विघ्नों, रोग, दोष तथा दरिद्रता को दूर करते हैं. मान्यता के मुताबिक बुधवार को विध्नहर्ता यानी भगवान गणेश की पूजा करने से विशेष लाभ होता है. कहा जाता है कि बुधवार को गणेश जी की पूजा और उपाय करने से हर समस्या का समाधान हो जाता है. गणेश जी अमंगल को दूर करने वाले और विघ्नहर्ता हैं. कहा जाता है कि जिस पर गणेश जी की कृपा हो जाए उसके जीवन में आने वाली सभी बाधाएं दूर हो जाती हैं. गणेश जी के विषय में कहा जाता है कि यह जितनी जल्दी मुंह फुलाकर बैठ जाते हैं उतनी ही जल्दी मान भी जाते हैं. शास्त्रों में कुछ आसान उपाय बताए गए हैं जिनसे आप भगवान गणेश को जल्दी खुश कर सकते हैं. चढ़ाएं पांच दुर्वा गणेश जी को प्रसन्न करने का सबसे सरल तरीका है हर दिन सुबह स्नान पूजा करके गणेश जी को गिन कर पांच दूर्वा यानी हरी घास अर्पित करें. दुर्वा गणेश जी के मस्तक पर रखना चाहिए. चरणों में दुर्वा न रखें. दुर्वा अर्पित करते हुए यह मंत्र बोलें- 'इदं दुर्वादलं ऊं गं गणपतये नमः' शमी से गणेश जी होते हैं खुश शास्त्रों में के अनुसार शमी ही एक मात्रा पौधा है जिसकी पूजा से गणेश जी और शनि भगवान दोनों प्रसन्न होते हैं. ऐसा माना जाता है कि भगवान श्री राम ने भी रावण पर विजय पाने के लिए शमी की पूजा की थी. शमी गणेश जी को अत्यंत प्रिय है. शमी के कुछ पत्ते नियमित गणेश जी को अर्पित करें. कहते हैं कि ऐसा करने से घर में धन और सुख की वृद्धि होती है. पूजा में चावल के दानों का करें इस्तेमाल भगवान गणेश को प्रसन्न करने के लिए पवित्र चावल अर्पित करें. पवित्र चावल उसे कहा जाता है जो टूटा हुआ नहीं होता. उबले हुए धन से तैयार चावल का पूजा में इस्तेमाल न करें. सूखा चावल गणेश जी को न चढ़ाएं. चावल का पहले गीला करें फिर, 'इदं अक्षतम् ऊं गं गणपतये नमः' मंत्र बोलते हुए तीन बार गणेश जी को चावल चढ़ाएं. गणेश जी को पसंद है लाल सिंदूर सिंदूर की लाली गणेश जी को बहुत पसंद है. गणेश जी की प्रसन्नता के लिए लाल सिंदूर का तिलक लगाएं. मान्यता है कि गणेश जी को तिलक लगाने के बाद अपने माथे पर सिंदूर का तिलक जरूर लगाएं. इससे गणेश जी की कृपा प्राप्त होती है. कहते हैं कि इससे आर्थिक क्षेत्र में आने वाली परेशानी और विघ्न से गणेश जी रक्षा करते हैं. गणेश जी को सिंदूर चढ़ाते समय यह मंत्र बोलें- 'सिन्दूरं शोभनं रक्तं सौभाग्यं सुखवर्धनम्। शुभदं कामदं चैव सिन्दूरं प्रतिगृह्यताम्॥ ओम गं गणपतये नमः' गणेश जी को लगाएं मोदक का भोग गणेश जी का एक दांत परशुराम जी से युद्ध में टूट गया था. इससे अन्य चीजों को खाने में गणेश जी को तकलीफ होती है, क्योंकि उन्हें चबाना पड़ता है. मोदक काफी मुलायम होता है जिससे इसे चबाना नहीं पड़ता है. यह मुंह में जाते ही घुल जाता है. इसलिए गणेश जी को मोदक बहुत ही प्रिय हैं. मोदक का भोग लगाने से भगवान गणेश बहुत जल्दी खुश होते हैं और अपने भक्तों की मनोकामना पूरी करते हैं.
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