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भगवान श्रीकृष्ण ने श्रीमद्भगवद्गीता में बताए हैं सफलता के अनेक सूत्र, ज़रूर पढ़ें

हर कोई चाहता है कि उसे जीवन में सफलता प्राप्त हो। लेकिन अफ़सोस की बात यह है कि ऐसा बहुत कम लोगों के साथ ही होता है। क्योंकि बहुत कम लोग ही दृढ़ निश्चय और रणनीति के साथ अपने लक्ष्य की ओर अग्रसर रहते हैं। लेकिन अगर हम भगवान श्रीकृष्ण द्वारा गीता में दिए उपदेशों का पालन करें, तो अवश्य हमें सफलता हासिल होगी। गीता के माध्यम से भगवान श्रीकृष्ण ने उन सभी बातों पर चर्चा की, जिस पर आगे चल कर कोई भी व्यक्ति बिना डरे पूरे आत्मविश्वास के साथ अपने लक्ष्य की प्राप्ति कर सकता है। अगर आप भी बिना डरे अपने लक्ष्य को हासिल करना चाहते हैं तो जान लें क्या हैं भगवान श्रीकृष्ण के बताए हुए सफलता के वो रहस्यमय सूत्र। -अपनी रणनीति बदलें, लक्ष्य नहीं: भगवान श्रीकृष्ण कहते हैं कि यदि आप अपने लक्ष्य को प्राप्त करने में बार-बार विफल हो रहे हैं, तो अपना लक्ष्य नहीं, अपनी रणनीति बदलें। -सफलता की दुश्मन हैं ये 3 चीज़ें: भगवान श्रीकृष्ण ने गीता में आत्म विनाश के ये 3 द्वार बताए हैं- वासना, क्रोध और लोभ। क्रोध से भ्रम पैदा होता है और भ्रम से बुद्धि व्यग्र होती है। जब बुद्धि व्यग्र होती है, तब तर्क नष्ट हो जाता है। और जब तर्क नष्ट हो जाता है, तब व्यक्ति का पतन हो जाता है। इसलिए अपने लक्ष्य की तरफ़ बढ़ते हुए इन तीनों चीज़ों से दूर रहें। -विश्वास की शक्ति को पहचानें: व्यक्ति जीवन में अपने हर लक्ष्य को हासिल कर सकता है यदि वह पूरे विश्वास और मेहनत के साथ अपने लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित करे। हर व्यक्ति का विश्वास उसकी प्रकृति के अनुसार होता है। यही वजह है कि भगवान श्रीकृष्ण, गीता में मनुष्य से अपनी विश्वास की शक्ति को पहचानने के लिए कहते हैं। -संशय न करें: भगवान श्रीकृष्ण के अनुसार सदैव हर बात पर संदेह करने वाले व्यक्ति के लिए प्रसन्नता न तो इस लोक में है, न ही कहीं और। व्यक्ति को अपने हृदय से अज्ञान के संदेह को अलग कर देना चाहिए। इसके लिए अनुशासित रहें। संदेह, संशय और दुविधा में जीने वाले लोग न तो इस लोक में सुख पाते हैं और न ही परलोक में। उनका जीवन निर्णयहीनता, दिशाहीनता और भटकाव से भरा रहता है।