अयोध्या: अयोध्या स्थित राम मंदिर का निर्माण तेज गति से हो रहा है और इस बीच श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की ओर से जारी बयान में बताया गया कि मंदिर के निर्माण में लगभग 1800 करोड़ रुपए का खर्च आने वाला है। बताया जा रहा है कि यह अनुमानित आँकड़ा है जिसमें बाद में संशोधन होने की गुंजाइस भी है। हालाँकि जब मंदिर का निर्माण शुरू हुआ था 400 करोड़ रुपए की लागत आने की उम्मीद की जा रही थी। बताया जा रहा है कि 2024 के मकर संक्राति में राम लला मंदिर में विरजमान हो जाएंगे और दर्शन पूजन भी शुरु हो जाएंगे।
रविवार को हुए बैठक में ट्रस्ट के महासचिव ने बताया कि निर्माण कर कम्पनी द्वारा मंदिर के निर्माण का किल ख़र्च 1800 करोड़ रुपए तय किया है। शुरुआती दिनों में मंदिर के निर्माण में मोटे तौर पर खर्च 400 करोड़ रुपए का रखा गया था जो कि अब बढ़ा दिया गया है। ममसचिव द्वारा बताया गया कि मंदिर के 70 एकड़ के परिसर में और भी मंदिर बनाए जाएँगे। उन्होंने ने बताया कि और सात मंदिरों का निर्माण किया जाएगा। इन सात मंदिरों में महर्षि वाल्मीकि, महर्षि विशिष्ठ, महर्षि विश्वामित्र, महर्षि अगस्त, माता शबरी, निषाद राज और जटायु के मंदिर होंगे। इन मंदिरों के निर्माण के लिए जगह और समय भी तय कर लिए गए हैं। इसके अलावे रविवार को हुए बैठक में रामलला की मूर्ति के निर्माण की भी चर्चा करी गई है। इस दौरान रामलला के बालरूप की प्रतिमा के निर्माण को लेकर अलग अलग सदस्यों द्वारा बात रखी गई। कुछ का कहना था की प्रतिमा शालिग्राम शिला की हो तो कुछ का कहना था संगमरमर या काष्ठ धातु की हो, हालाँकि इस बात पर मोहर नहीं लाग पाई की निर्माण किस चीज़ से होगा और इसके निर्माण को लेकर तकनीकी टीम से राय ली जाएगी। बताया जा रहा है कि दिसंबर 2023 तक राम मंदिर का निर्माण पूरा कर लिया जाएगा और अगले साल यानी की 2024 में मकर संक्रति के दिन इस मंदिर को पूरी तरीक़े से खोल दिया जाएगा।