चमोली का लाटू मंदिर, जहां मुंह और आंख पर पट्टी बांधकर पुजारी करते हैं पूजा
उत्तराखंड में चमोली के वाण गांव में स्थित लाटू देवता मंदिर अपने आप में अनूठा है। मंदिर का द्वार साल में एक ही दिन में वैशाख महीने की पूर्णिमा के दिन खुलता है और इस बार भी मंदिर के कपाट विधि-विधान और पारंपरिक रूप से खोल दिए गए हैं। लेकिन खास बात ये है कि मंदिर की अनोखी परंपरा के अनुसार यहां पुजारी मुंह और आंखों पर पट्टी बांधकर भगवान लाटू की पूजा-अर्चना करते हैं। यही नहीं, भक्तों को भी मंदिर के भीतर जाने की बजाय बाहर से ही दर्शन-पूजन करना होता है।
मान्यता है कि मंदिर के गर्भगृह के अंदर रखी रहस्यमय वस्तु को खुली आंखों से देखना वर्जित है। स्थानीय लोगों में मान्यता है कि मंदिर के गर्भगृह के अंदर मणि के साथ नागराज मौजूद हैं, जिसे खुली आंखों से देख पाना संभव नहीं। इसीलिए उनके सम्मान स्वरूप ये प्रथा चली आ रही है । गर्भगृह में गुप्त पूजा के बाद मंदिर परिसर में नंदा भगवती, काली, गोलू देवता, लाटू देवता, हनुमान, दानू देवता, भैरव आदि देवताओं की स्तुति की गई। इस दौरान स्थानीय निवासी अपना पारंपरिक लोकनृत्य भी करते हैं।
इस बार जब कपाट खुले तो प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी पहुंचे। उन्होंने भगवान लाटू देवता की पूजा-अर्चना कर राज्य के लोगों की सुख, समृद्थि और कल्याण की कामना की। यहां के स्थानीय लोगों के अनुसार, लाटू देवता उत्तराखंड की नंदा देवी के धर्म भाई हैं।