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दुबई में नवनिर्मित हिंदू मंदिर की पहली झलक पाने को श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़, मंदिर में 14 देवी देवताओं के होंगे दर्शन

दुबई: संयुक्त अरब अमीरात के दुबई में हिंदुओं के लिए नवनिर्मित मंदिर बनकर तैयार हो गया है। इस मंदिर को इसी महीने (September) में खोला गया है जिसके बाद हजारों की संख्या में लोग इसके दर्शन करने को आ रहे हैं। इस मंदिर का अभी अधिकारिक तौर पर उद्घाटन नहीं हुआ है लेकिन इसे आंशिक रूप से खोल दिया गया है। मंदिर का औपचारिक रूप से उद्घाटन अक्टूबर महीने की पाँच तारीख को होगा। पाँच अक्टूबर को दशहरे के मौक़े पर ही इस मंदिर को सभी धर्मों के लोगों के लिए खोला जाएगा। 

 

हज़ारों की संख्या में आ रहे लोग

मंदिर के खुलने बाद से ही लोगों का आना जाना लगा हुआ है। मंदिर खुलने के पहले दिन ही बड़ी संख्या में लोगों का आगमन हुआ। लोगों द्वारा इस मंदिर के दीदार को काफ़ी लंबे समय से इंतज़ार किया गया था। मंदिर में सबसे ज्यादा भीड़ सप्ताह के अंत में रहता है। यहाँ होने वाले भीड़ और कोविड को ध्यान में रखते हुए सामाजिक दूरी के लिए क्यूआर कोड का सहारा लिया जा रहा है। इस क्यूआर कोड की माध्यम से अभी के वक़्त में सीमित प्रवेश ही दिया जा रहा है। क्यूआर कोड को पाने के लिए लोग मंदिर के वेबसाइट का उपयोग कर रहे हैं जिसके माध्यम से उन्हें प्रवेश की लिए क्यूआर कोड उपलब्ध कराई जा रही है। 

14 पंडित का समूह भारत से दुबई गए हैं

इस मंदिर में अभी सिर्फ एक ही गतिविधि हो रही है जिसमें वैदिक श्लोकों का जप हो रहा है। इस जप को करने के लिए भारत से 14 पंडितों का समूह गया है। इन पंडितों को विशेष रूप से जप के लिए ही भेजा गया है। जप को प्रतिदिन सुबह साढ़े सात बजे 11 बजे तक किया जाता है, इसके बाद दोपहर 3 बजे से रात के साढ़े आठ बजे तक किया जाता है। मंदिर के दर्शन करने आए लोगों को हो रहे इस जप में भाग लेने की छूट प्रदान करी गई है

 

अक्टूबर में अधिकारिक तौर पर खुलेगा 

दशहरा के मौक़े पर यानी 5 अक्टूबर को इस मंदिर का अधिकारिक तौर पर उद्घाटन होगा। जिसके बाद श्रद्धालुओं को पूजन-पठान की अनुमति होगी। बताया जा रहा है कि इस मंदिर का इस्तेमाल शादी समारोह के लिए भी किया जाएगा। वर्तमान समय में मंदिर को सुबह साढ़े छह बजे खोल रात के आठ बजे बंद किया जाता है। इस मंदिर में की जा रही बुकिंग अभी ही अक्टूबर के आखिरी हफ़्ते तक की करी जा चुकी है। बुकिंग की प्रक्रिया अक्टूबर के अंत तक जा रहेगी जिसके बाद श्रद्धालुओं को किसी भी वक्त आने की अनुमति होगी और वे किसी भी वक्त दर्शन कर पाएंगे।