उत्तराखंड: यूँ ही नहीं उत्तराखंड को धरती का स्वर्ग कहा जाता है, प्राकृतिक सौन्दर्य नज़ारे और अलौकिक देवतुल्य शांति का एहसास उत्तराखंड में किया जाता है। वहीँ बात करें उत्तराखंड के कुमाऊँ स्थित अल्मोड़ा से लगभग 10 किलोमीटर की दूरी पर कसार देवी शक्तिपीठ मंदिर की तो यहाँ एक अनोखा रहस्य है। इसम्मंदिर के इर्द-गिर्द विशेष चुम्ब्कीय क्षेत्र है और इस चुम्ब्कीय क्षेत्र का पता आज तक NASA भी नहीं लगा पाई है।
मंदिर के आसपास के क्षेत्र में NASA द्वारा कई रिसर्च किए गए हैं। बता दे 2013 में NASA की एक टीम कसार देवी गयी थी, NASA के वैज्ञानिकों ने इस स्थान पर चुम्बकीये रूप से इस जगह के चार्ज होने के कारणों और प्रभावों पर खोज की थी। खोज करने के दौरान सामने आया कि कसार देवी के आसपास वाले क्षेत्र में रेडिएशन हैं।
पिछले दो साल से नासा के वैज्ञानिक इस बैल्ट के बनने के कारणों को जानने में जुटे हुए हैं। बता दे वैज्ञानिक अपनी खोज में यह भी पता लगा रहे है कि इस चुंबकीय ठोस वस्तु का हमारे दिमाग या प्रकृति पर का क्या असर पड़ता है।
इन सबके पश्चात वैज्ञानिको का कहना यह भी है कि मंदिर में दर्शन के लिए आ रहे श्रधालु मानते है कि इस शक्तिपीठ मंदिर में माँ दुर्गा की अतुल्य शक्ति है जिसके कारण अभी तक कुछ चीज़ें सामने नही आयी है ।
1890 में स्वामी विवेकानंद का भी हुआ था आगमन
कहा जाता है कि स्वामी विवेकानंद ने 1890 में कुछ महीने इस मंदिर में समय बिताकर ध्यान किया था, इसके बाद स्वामी विवेकानंद जी को अल्मोड़ा से करीब 22 किलोमीटर दूर काकड़ीघाट पर विशेष ज्ञान का एहसास हुआ था।