कोरोना वायरस के चलते विगत मार्च माह में लॉकडाउन के दौरान बांकेबिहारी मंदिर को बंद किया था। सात माह बाद 17 अक्तूबर को मंदिर खोला गया। एक दिन में चार सौ श्रद्धालुओं के दर्शन करने की व्यवस्था बनाई गई थी, लेकिन पहले ही दिन करीब 20 हजार लोग वृंदावन पहुंचे, जिनमें से अधिकांश लोगों ने रात तक दर्शन किए। इस दौरान कोविड-19 के निमयों का पालन नहीं हुआ।
रविवार सुबह से ही मंदिर के बाहर श्रद्धालुओं की आधा किलोमीटर तक लंबी कतार लग गई। श्रद्धालु धूप में परेशान होते दिखाई दिए। बच्चे और वृद्ध काफी परेशान थे। दोपहर में मंदिर ठाकुर श्री बांकेबिहारी महाराज के प्रबंधक मुनीश शर्मा ने पत्रकारों को मंदिर को 19 अक्तूबर से अगले आदेश तक बंद करने की जानकारी दी।
कोविड-19 की गृह मंत्रालय द्वारा जारी गाइड लाइन के तहत ही बांकेबिहारी मंदिर खोला गया, लेकिन ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन पोर्टल पर अत्यधिक लोड हो जाने के कारण ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था शुरू नहीं हो सकी। उन्होंने कहा कि अब 19 अक्तूबर से ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन व्यवस्था शुरू होने तक अनिश्चितकाल के लिए मंदिर श्रद्धालुओं के लिए बंद रहेगा। ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन व्यवस्था, दर्शन की सुगम व्यवस्था, श्रद्धालुओं की सुरक्षा व्यवस्था का पुख्ता इंतजाम जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन के सहयोग से पुन: करने के उपरांत ही मंदिर को खोला जाना संभव होगा। उन्होंने कहा कि ठाकुरजी की भोग, राग, सेवा, पूजा पूर्व की भांति सेवायत, गोस्वामीजन द्वारा की जाती रहेगी संबंधित सेवायत गोस्वामीजन के साथ मंदिर के आवश्यक कर्मचारी और मंदिर भवन की मरम्मत के लिए नियुक्त कार्यदायी संस्था के कर्मचारी ही मंदिर में प्रवेश कर सकेंगे।