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आज सोमवार है और सोमवार के दिन देवों के देव महादेव की पूजा अर्चना की जाती है. ऐसा माना जाता है कि आज के दिन भगवान शिव की पूजा सच्ची श्रद्धा के साथ की जाए तो भगवान शिव हर मनोकामना पूरी करते हैं. वैसे कहा जाता है कि भोलेनाथ अपने भक्तों का दुख देख नहीं पाते हैं. और अपनी कृपा उन पर बनाए रखते हैं. आज के दिन महिलाए, कन्याएं भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए व्रत रखती हैं और विधिवत पूजा करती हैं. शिव पूजा में यूं तो हर तरह की सामग्री का इस्तेमाल होता है लेकिन इस पूजन में कभी भी तुलसी की पत्तियां नहीं रखी जाती हैं. इसके पीछे एक पौराणिक कथा है...
एक पौराणिक अनुसार खुद विष्णुप्रिया ने महादेव के पूजन में अपनी उपस्थिति निषेध कर दी थी. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार जालंधर नाम के असुर को अपनी पत्नी की पवित्रता और विष्णु जी के कवच की वजह से अमर होने का वरदान मिला हुआ था. अमर होने की वजह से वह पूरी दुनिया में आतंक मचा रहा था. ऐसे में उसके वध के लिए भगवान विष्णु और भगवान शिव ने उसे मारने की योजना बनाई.
पहले भगवान विष्णु से जालंधर से अपना कवच मांगा और इसके बाद वह उसकी पत्नी वृंदा के पास जालंधर का रूप धर कर चले गए. इससे भगवान शिव को जालंधर को मारने का मौका मिल गया. जब वृंदा को अपने पति जालंधर की मृत्यु का पता चला तो वह बहुत दुखी और क्रोधित हो गई. इसी क्रोध में उसने भगवान शिव को श्राप दिया कि उनके पूजन में तुलसी की पत्तियां हमेशा निषेध रहेंगी.