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कार्तिक माह का हिंदू धर्म में विशेष स्थान है. शास्त्रों में बताया गया है कि इस माह में जो व्यक्ति व्रत और तप करता है कि उस मोक्ष की प्राप्ति होती है. धार्मिक मान्यता है कि यह माह भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी को अत्यंत प्रिय है. कार्तिक माह की शुरुआत शरद पूर्णिमा से हो जाती हैकार्तिक मास में सात नियमों का पालन करना होता है. माना जाता है कि इन नियमों के पालन से सुख-समृद्धि प्राप्त होती है.
- तुलसी का पूजन और सेवन इस माह करने का विशेष महत्व है. कहते हैं कि कार्तिक मास में तुलसी पूजा का महत्व कई गुना बढ़ जाता है.
- कार्तिक मास में भूमि पर सोना चाहिए. माना जाता है कि भूमि पर सोने से मन में पवित्र विचार आते हैं.
- कार्तिक मास में शरीर पर तेल नहीं लगाया जाता है. इस मास में सिर्फ एक दिन नरक चतुर्दशी (कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी) पर ही तेल लगाया जाता है.
- कार्तिक मास में दीपदान जरूर करना चाहिए. माना जाता है कि इससे पुण्य की प्राप्ति होती है. इस महीने में नदी, पोखर, तालाब आदि में दीपदान किया जाता है.
- कार्तिक मास में खान-पान से संबंधित भी कुछ नियम हैं. इस महीने दलहन (दालों) को खाना निषेध होता है. उड़द, मूंग, मसूर, चना, मटर, राई आदि नहीं खाना चाहिए.
- कार्तिक मास में ब्रह्मचर्य का पालन करना होता है. इस माह में ब्रह्मचर्य का पालन न करना अशुभ माना गया है.
- कार्तिक मास में संयम बरतें, किसी तरह के झगड़े, विवाद में न पड़े.