गणतन्त्र दिवस पर हर साल सभी राज्यों की झांकी दिखाई जाती है। इस बार नई दिल्ली के राजपथ पर छत्तीसगढ़ के लोक संगीत का वाद्य यंत्र दिखाए जाएंगे। गणतंत्र दिवस के मुख्य समारोह के लिए छत्तीससगढ़ राज्य की झांकी को रक्षा मंत्रालय की विशेषज्ञ समिति ने मंजूरी दे दी है। सांस्कृतिक झांकी में बस्तर क्षेत्र का लोकवाद्य धनकुल, मुंडा बाजा, चिकारा, मांदर और सरगुजा क्षेत्र का प्रतिनिधि वाद्य घसिया ढोल भी शामिल है।
अधिकारियों ने बताया, झांकी में छत्तीसगढ़ के दक्षिण में स्थित बस्तर से लेकर उत्तर में स्थित सरगुजा तक विभिन्न अवसरों पर प्रयुक्त होने वाले लोक वाद्य शामिल किए गए हैं। इनके माध्यम से छत्तीसगढ़ के स्थानीय तीज त्योहारों तथा रीति रिवाजों में निहित सांस्कृतिक मूल्यों को भी रेखांकित किया गया है।
इस विषयवस्तु पर आधारित झांकी को पांच राउंड की कठिन प्रक्रिया के बाद अंतिम स्वीकृति मिली है। अब कलाकार दिल्ली जाने की तैयारी में हैं। बताया जा रहा है कि जनवरी के प्रथम सप्ताह में संस्कृति विभाग का सांस्कृतिक दल दिल्ली पहुंच जाएगा। देश के विभिन्न राज्यों के बीच कड़ी स्पर्धा और कई चरणों से गुजरने के बाद अंतिम रूप से छत्तीसगढ़ की झांकी का चयन हुआ है। तीन महीने तक कलाकारों की वेषभूषा और संगीत पर शोध कर थ्री-डी मॉडल तैयार किया गया।
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