साधना, समर्पण और संस्कृति के पर्व माघ मेला की शुरुआत आज से प्रयागराज में हो रहा है। कोरोना काल में यह देश का सबसे बड़ा मेला है। माघ मेले में बड़ी संख्या में श्रद्धालु संगम में डुबकी लगाने पहुंचते हैं। कोरोना के कारण इस बार मेले में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। यहां आने वाले हर श्रद्धालु को अपनी कोरोना टेस्ट रिपोर्ट साथ लानी होगी। घाटों पर सोशल डिस्टेंसिंग के साथ स्नान की व्यवस्था की गई है। सुरक्षा और संक्रमण के खतरे को देखते हुए महिला हेल्प डेस्क और कोरोना हेल्प डेस्क बनाई गई है।
भीड़ नियंत्रित करने को चुनौती मान रहा प्रशासन
संगम तट पर हर साल लगने वाले माघ मेले में करोड़ों श्रद्धालु आते हैं। तकरीबन 5 लाख साधु संत और श्रद्धालु यहां अस्थाई निवास बनाकर मकर संक्रांति से महाशिवरात्रि तक रहते हैं, जिन्हें कल्पवासी कहा जाता है। लेकिन, इस बार माघ पूर्णिमा तक ही कल्पवास की छूट दी गई है। इसलिए, इस बार कल्पवास सिर्फ 45 दिन का ही हो पाएगा। ऐसे में कोरोना काल में भीड़ को नियंत्रित करना और सभी श्रद्धालुओं को सुरक्षित घर वापस भेजना मेला प्रशासन के लिए सबसे बड़ी चुनौती है। इस बार माघ मेला कोविड-19 गाइडलाइन के अनुसार कराया जा रहा है। इसलिए श्रद्धालुओं, कल्पवासियों और साधु-संतों को कोविड की निगेटिव जांच रिपोर्ट के आने के बाद मेले में प्रवेश मिलेगा। उन्हें अधिकतम तीन दिन पुरानी आरटी-पीसीआर की निगेटिव रिपोर्ट लाना अनिवार्य होगी।