28 जनवरी यानी कल से शुरू हो इस बार करीब एक लाख लोगों के कल्पवास करने का अनुमान है। प्रदेश के कई जिलों से कल्पवासी आ रहे हैं। अन्य राज्यों से भी लोग आते हैं। स्वास्थ्य विभाग ने 20 मोबाइल वैन की व्यवस्था कर रखी है जो शिविरों में जाकर एंटीजन किट से कोरोना की जांच करेगी। गंगा और त्रिवेणी अस्पतालों में भी कोरोना जांच के सेंटर खोले गए हैं।
पौष पूर्णिमा स्नान कल यानी गुरुवार को है। इसी के साथ ही प्रयागराज में एक माह का कल्पवास भी शुरू हो जाएगा। इसके लिए कल्पवासियों का रेला संगम क्षेत्र में आने लगा है। महीने भर की राशन सामग्री लेकर ट्रैक्टर और कार से पहुंच रहे कल्पवासी गुरुवार को पौष पूर्णिमा के शुभ मुहूर्त पर संगम स्नान करेंगे। इसी के साथ इनका महीने भर का जप-तप यानी कल्पवास शुरू हो जाएगा।
मेला क्षेत्र में कल्पवासियों का आना मकर संक्रांति से धीरे-धीरे शुरू हो गया था। चूंकि कल्पवास पौष पूर्णिमा से शुरू होना था इसलिए अधिकतर लोग पिछले एक-दो दिनों में संगम क्षेत्र में पहुंचे हैं। 26 जनवरी को दिन भर कल्पवासियों का ट्रैक्टर और कार से आने का सिलसिला जारी रहा। रात तक यह प्रक्रिया चलती रही। कुछ कल्पवासी बुधवार को भी आएंगे। अधिकतर कल्पवासी मंगलवार को पहुंच मेला क्षेत्र में आकर अपना डेरा जमा चुके हैं। उनके आने का सिलसिला बुधवार को भी जारी है।
कोरोना संक्रमण का असर माघ मेला पर भी
अधिकतर कल्पवासी प्रयागवाल के कैंपों में ठहर रहे हैं। वहीं कुछ कल्पवासियों का खुद का अपना शिविर है। महीने भर इनके कल्पवास में स्नान, ध्यान, दान पुण्य की प्रक्रिया चलती रहेगी। कोरोना वायरस के चलते कुछ कल्पवासियों ने इस बार मेला आने से दूरी बनाई रखी हुई है। इसलिए कुछ के कैंप अभी खाली हैं। वैसे हर साल की तरह इस बार कल्पवासी कम आए हैं। जो आए भी हैं, उनको कोरोना से बचाव के प्रति सचेत किया जा रहा है।
बिना जांच के भी आ गए कुछ कल्पवासी
कल्पवासियों के आने का सिलसिला शुरू हुआ तो कई लोग बिना कोरोना की जांच कराए आ गए हैं। जबकि सब को सख्त हिदायत दी गई थी कि बिना कोरोना की जांच कराए कोई मेला क्षेत्र में नहीं आएगा। बिना जांच के ही मेला क्षेत्र में आने से कई लोग कोरोना पॉजिटिव भी पाए जा रहे हैं। वैसे लिए मेला क्षेत्र में मेडिकल की पूरी व्यवस्था की गई है। आने वाले हर कल्पवासी की जांच करके उनका इलाज किया जा रहा है।