हिमाचल प्रदेश की सभी शक्तिपीठों में अब क्यूआर कोड सिस्टम से दान की नई व्यवस्था शुरू हो गई है। इसके अलावा नयना देवी शक्तिपीठ से वृक्षम प्रसादम योजना शुरू की गई है। इस योजना के तहत शक्तिपीठों में अब श्रद्धालु प्रसाद के रूप में पौधे चढ़ा सकेंगे, जिन्हें मंदिर प्रशासन जगह-जगह रोपित करेगा। इससे पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा। कोरोना के चलते करीब 27 माह से ममलेश्वर महादेव में पंडे -पुजारी व भक्तों को पूजन अभिषेक पर प्रतिबंध लगा हुआ है। पंड़ित, पुजारी और ब्राह्मण लगातार गर्भगृह को खोले जाने की मांग कर रहे हैं। मां पूर्णागिरि धाम में माता का धूनी स्थल बनाया जाएगा। भैरव मंदिर से मुख्य मंदिर तक देवी मां के भक्तिगीत गूंजेंगे। मंदिर समिति की खुली बैठक में यह फैसला लिया गया है। सबरीमाला स्थित भगवान अयप्पा का मंदिर दो महीने चलने वाली वार्षिक तीर्थयात्रा के लिए अगले सप्ताह खोला जाएगा। इस दौरान प्रतिदिन 30 हजार श्रद्धालुओं को दर्शन करने की अनुमति होगी। हरिद्वार में हरकी पैड़ी से चंडी देवी मंदिर तक रोपवे का निर्माण जल्द ही किया जाएगा। रोपवे के बन जाने से यात्रियों को लाभ मिलेगा। यात्री केवल आठ मिनट में हरकी पैड़ी से चंडी देवी मंदिर पहुंच सकेंगे। चारधाम के कपाट बंद होने के बाद भगवान के शीतकालीन प्रवास को प्रदेश सरकार पर्यटन स्थल के तौर पर विकसित करने की योजना बना रही है।
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