1.कोरोना के नए वेरियंट ओमिक्रॉन से सुरक्षा को लेकर प्रशासनिक तैयारियां शुरू हो गई हैं। महाकालेश्वर मंदिर, कार्तिक व हस्तशिल्प मेले में उन्हीं लोगों को प्रवेश दिया जाएगा जिन्होंने दोनों टीके लगवा लिए हैं। 2.काशी विश्वनाथ धाम में गंगा से काशी विश्वनाथ मंदिर के बीच में शिव का वन भी विकसित किया जा रहा है। भक्तों के इस अनूठे आनंद कानन में शिव के प्रिय वृक्षों की श्रृंखला चुनार के लाल पत्थरों के बीच हरियाली बिखेरेंगे। 3.मध्य प्रदेश के सिलदड़ स्थित शिवशक्ति धाम परिसर में 41 फीट ऊंचा त्रिशूल स्थापित किया गया है। संभवतः यह जिले का सबसे बड़ा शिव त्रिशूल है, जो धार्मिक आस्था को बढ़ावा देगा। 4.केरल स्थित सबरीमाला में अयप्पा मंदिर में जारी तीर्थ के दौरान भक्त अब ऑनलाइन दान भी दे सकते हैं। त्रावणकोर देवसोम बोर्ड ने इसकी घोषणा की है। अब यात्री गूगल पे और क्यूआर कोड के जरिए भी भुगतान कर सकते हैं। 5.काशी विश्वनाथ की अलौकिक छटा दुनिया के सामने लाने से पहले स्वर्ण शिखर को और दमकाया जा रहा है। 2 दिसंबर से काशी विश्वनाथ मंदिर के पट मंगला आरती के बाद भक्तों के लिए खुल गए, मगर सौंदर्यीकरण के काम के चलते फिलहाल कुछ दिन और भक्तों को झांकी दर्शन ही मिलेंगे। 6.हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर में स्थित बाबा बालक नाथ मंदिर दियोटसिद्ध न्यास द्वारा संचालित लंगर को श्रद्धालुओं की सुविधा को देखते हुए 3 दिसंबर से कोविड नियमों का पालन करते हुए खोल दिया गया है। लंगर पुराने समय के अनुसार ही खोला जाएगा।
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