स्नेह और रक्षा का संदेश देता रक्षा बंधन केवल भाई-बहन के प्रेम को ही नहीं दर्शाता बल्कि ये मानव के कर्तव्यों का बोध भी करवाता है । ऐसे में इस पर्व को हम सभी सही दिवस और मुहूर्त में मनाना चाहते हैं लेकिन इस बार रक्षा बंधन मनाने को लेकर काफी संशय है कुछ लोगों का कहना है कि 11 अगस्त को रक्षा बंधन है तो कुछ लोगों का कहना है कि 12 अगस्त को रक्षा बंधन मनाया जाएगा लेकिन शास्त्रोक्त क्या सही है इसी बात को हम आज आपको बताने जा रहे हैं। आचार्य विक्रमादित्य जी के अनुसार तिथि निर्णय के लिए भारतीय संस्कृति में कई सिद्धांत बताए गए हैं। अलग अलग ऋषियों ने अपने- अपने मत दिए हैं। उसके अनुसार राखी सत्यव्रत पूर्णिमा को होता है । रात्रि में जब पूर्णिमा दिखाई दे उस दिन सत्यव्रत मनाने की परंपरा है । इस बार 11 अगस्त को सुबह 10.36 मिनट पर पूर्णिमा आ रही है लेकिन उसके साथ ही भद्रा नक्षत्र का पदार्पण भी हो रहा है जो रात के करीब 8 बजे तक रहेगी लेकिन भद्रा नक्षत्र में पर्व नहीं मनाये जाते हैं। इस कारण 11 अगस्त को रक्षा बंधन मनाना सही नहीं है। अगले दिन पूर्णिमा करीब करीब साढ़े तीन घड़ी तक विद्मान है। 12 अगस्त को ही शुद्ध रुप से श्रावणी पूर्णिमा मनायी जा रही है। उसी दिन संस्कृत दिवस और गायत्री जयंती भी है साथ ही इस दिन उदय तिथि के रूप में पूर्णिमा विद्मान है । आचार्य विक्रमादित्य बताते हैं कि ऐसी परिस्थिति में हमें 12 अगस्त को ही रक्षा बंधन मनाना चाहिए । वैसे भी देश के कई बड़े मंदिरों जैसे श्रीबांकेबिहारी जी मंदिर, वृंदावन, काशी विश्वनाथ धाम, वाराणसी आदि जगहों पर 12 अगस्त को ही रक्षा बंधन का पर्व मनाया जाएगा।
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