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चैत्र नवरात्रि के 9 दिनों के दौरान क्या करें क्या न करें, जिससे मिलेगी मां दुर्गा की विशेष कृपा...

चैत्र नवरात्रि: चैत्र नवरात्रि आज से शुरु हो गया है और 30 मार्च को रामनवमी के साथ इसका समापन होगा। इन 9 दिनों के दौरान मां दुर्गा के 9 स्वरुपों की विधिवत पूजा की जाती है वहीं मां को प्रसन्न करने के लिए कई चीजों का विशेष ध्यान भी दिया जाता है। जिससे मां दुर्गा अपने भक्तों के ऊपर विशेष कृपा बरसाती है। ऐसा माना जाता है कि नवरात्रि के 9 दिनों में हमें साफ-सफाई पर बहुत ध्यान देना चाहिए और कुछ विशेष नियमों का पालन करना चाहिए वहीं हिंदू धर्म में नवरात्रि के पावन पर्व पर देवी दुर्गा के 9 स्वरूपों की पूजा एवं व्रत का बहुत ज्यादा महत्व है। शक्ति की साधना से जुड़े इस महापर्व का महत्व तब और बढ़ जाता है जब यह चैत्र मास के शुक्लपक्ष की प्रतिपदा से प्रारंभ होता है क्योंकि इसी दिन से हिंदू नववर्ष की शुरुआत भी होती है। ऐसी मान्‍यता है कि नवरात्रि के 9 दिनों में मां दुर्गा अपने वाहन के साथ धरती पर विचरण करती हैं और जो लोग सच्‍ची श्रद्धा के साथ मां दुर्गा की भक्ति में मन लगाते हैं उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। इस दौरान मां दुर्गा की भक्ति में मन लगाना चाहिए और शुद्ध सात्विकता के साथ नियमों का पालन करना चाहिए। आइए आपको बताते हैं नवरात्र के 9 दिनों को लेकर शास्‍त्रों में कौन से नियम बताए गए हैं। आज आपको बताते हैं कुछ खास बातें कि इन 9 दिनों में क्या करना चाहिए और क्या नहीं।
क्या करें 
⦁    नवरात्रि पर नौ दिनों तक रखें उपवास
⦁     नौ दिनों तक देवी दुर्गा की विशेष पूजा और श्रृंगार करें
⦁    नवरात्रि पर हर रोज मंदिर जाएं 
⦁    देवी मां को प्रतिदिन करें जल अर्पित
⦁    नवरात्रि पर अखंड ज्योति जरूर जलाएं
⦁    अष्टमी-नवमी तिथि पर विशेष पूजा और कन्या पूजन करें
⦁     ब्रह्राचर्य का पालन करें
क्या न करें
⦁    नवरात्रि पर घर में सात्विक भोजन ही बनाना चाहिए। घर के सदस्य अगर नौ दिनों तक व्रत नहीं रखे हुए हैं तो भी नौ दिनों तक भोजन में छौंक का प्रयोग नहीं करना चाहिए।
⦁     नवरात्रि पर खाने में लहसुन और प्याज का प्रयोग नहीं करना चाहिए।
⦁    नवरात्रि के दिनों में अगर आपने घर में कलश स्थापना किया हुआ है तो घर को खाली नहीं छोड़ना चाहिए।
⦁    नवरात्रि पर दाढ़ी, नाखून और बाल नहीं कटवाना चाहिए।
⦁    नवरात्रि पर बेवजह किसी वाद-विवाद में नहीं पड़ना चाहिए।
रजत द्विवेदी