Ayodhya: अयोध्या में निर्माणाधीन श्री राम मंदिर को भव्यता प्रदान करने के लिए परिसर में भगवान गणेश, हनुमान, सूर्य, मां भवानी और महादेव के पंचदेव मंदिर के साथ-साथ श्रीराम के वनवास काल की चर्चित विभूतियों जटायू, माता शबरी, निषादराज को भी स्थान मिलेगा। रामनवमी के अवसर पर रामलला की प्रतिमा पर सूर्य की किरणें सीधी पहुंचे, इसके लिए अंतरिक्ष विभाग एवं अन्य संस्थाओं के वैज्ञानिकों के साथ काम किया जा रहा है और इसके अनुरूप यह भी तय किया जा रहा है कि मूर्ति की ऊंचाई क्या होगी। बता दे कि पंचदेव मंदिर की नींव पड़ चुकी है। इसका निर्माण पहले चरण में ही किया जायेगा, ताकि श्रद्धालु भगवान राम की अर्चना करने के बाद पंचदेवों का दर्शन एवं परिक्रमा करके विधिवत रूप से अपनी पूजा पूरी कर सकें। मिली जानकारी के मुताबिक पंचदेव मंदिर का निर्माण परकोटे में किया जायेगा, जिसमें भगवान सूर्य के अलावा गणेश, मां भवानी, भगवान शंकर, हनुमान जी के मंदिर स्थापित होंगे तथा रामलला की रसोई में उत्तर दिशा में मां अन्नपूर्णा के विग्रह की स्थापना होगी।
मंदिर निर्माण के दूसरे एवं तीसरे चरण में ऋषि अगस्त्य, ऋषि विश्वामित्र, ऋषि वशिष्ठ, महर्षि वाल्मीकि और देवी अहिल्या के अलावा वनवास के दौरान भगवान राम के संपर्क में आई विभूतियों, यथा- जटायू, माता शबरी, निषादराज को भी जगह मिलेगी, जिनका निर्माण कार्य 2025 तक पूरे होने की उम्मीद है। सूत्रों ने बताया कि इसके लिए एक ‘मास्टर प्लान’ को अंतिम रूप दिया गया है। वहीं बात करें निर्माण कार्य की तो दिसंबर 2023 तक पहले चरण का निर्माण कार्य पूरा हो जायेगा। इसके बाद जनवरी 2024 में जब सूर्य उत्तरायण में होगा, तब किसी शुभ तिथि को गर्भगृह में रामलला की ‘प्राण प्रतिष्ठा’ की जायेगी। मकर संक्रांति पर सूर्य उत्तरायण में आते हैं, ऐसे में आचार्यों और ज्योतिषियों से परामर्श करके शुभ मुहूर्त तय किया जायेगा, जो जनवरी के तीसरे या चौथे सप्ताह का हो सकता है।
रजत द्विवेदी