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76 साल बाद दिखेगा नीला चांद

खगोलीय घटनाओं के शौकीन लोगों के लिए अक्तूबर का महीना बेहद खास होने वाला है। जब उन्हें आसमान में द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान यानी 76 वर्ष बाद घटित होने वाली दुर्लभ खगोलीय घटना को देखने का मौका मिलेगा। इस घटना के दौरान चांद की खूबसूरती आम दिनों की अपेक्षा कई गुना बढ़ जाएगी। विज्ञान की भाषा में इसे नीले चांद (ब्लू मून) का नाम दिया है। अमूमन कुछ दशकों के अंतराल पर यह खगोलीय घटना होती है। मगर वर्ष 1944 के बाद अब पहली बार इसे साउथ अमेरिका, भारत, यूरोप, एशिया समेत पूरे विश्व से देखा जा सकेगा।

वीर बहादुर सिंह नक्षत्रशाला के खगोलविद अमर पाल सिंह ने बताया कि 31 अक्तूबर 2020 के बाद ये दुर्लभ नजारा को 19 वर्ष के बाद 2039 में देखा जा सकेगा। इस घटना का नजारा मनमोहक होने के साथ खगोल विज्ञान में रूचि रखने वालों के लिए बेहद अनोखा होगा। उन्होंने बताया कि फूल मून की घटना 29 दिनों के अंतराल पर होती है। जबकि एक महीने में 30 या 31 दिन होते हैं। ऐसे में एक महीने के अंदर दो फूल मून की घटना ढाई से तीन वर्षों के बीच घटित होती है। पूरी दुनिया में ये खगोलीय घटना एक साथ दिखाई नहीं देती है। खगोलीय घटना के दौरान चंद्रमा की रोशनी या रंग में कोई बदलाव नहीं होता है। वो सामान्य दिनों में घटित होने वाली पूर्णिमा के सामान की ज्यादा चमकदार और बड़ा नजर आता है।