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96 साल में पहली बार झील का बाड़ा में नहीं भरेगा शारदीय नवरात्र मेला

कोरोना संक्रमण का असर नवरात्र कार्यक्रमों पर ही रहेगा। देवस्थान विभाग ने संक्रमण की आशंका को देखते हुए कैला देवी झील का बाड़ा लक्खी मेला आयोजित नहीं करने का निर्णय लिया है। शारदीय नवरात्र मेला 17 से 31 अक्टूबर तक प्रस्तावित था। करीब 96 साल के इतिहास में पहली बार शारदीय नवरात्र मेले पर रोक लगाई गई है। इसमें करीब 2 लाख लोग शामिल होते हैं।

वैसे माना जाता है कि देवी मां की प्रतिमा द्वापर कालीन है, लेकिन वर्ष 1924 को मंदिर का जीर्णोद्धार और रवि कुंड का निर्माण हुआ था। इसलिए माना जाता है कि मेले की शुरुआत तभी से हुई। देवस्थान विभाग के सहायक आयुक्त कृष्ण कुमार खण्डेलवाल ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन के अनुसार 31 अक्टूबर तक सभी तरह के सामूहिक आयोजन अनुमत नहीं हैं।

कैला देवी झील का बाड़ा शारदीय नवरात्र मेला बड़ा धार्मिक आयोजन है, जिसमें प्रतिदिन हजारों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं। कोरोना गाइडलाइन की पालना में इस वर्ष इस मेले को आयोजन नहीं होगा। उल्लेखनीय है कि इससे पहले चैत्र नवरात्र का मेला भी स्थगित कर दिया गया था। खंडेलवाल ने बताया कि देवी मां के दर्शन करने जा सकते हैं, लेकिन आरती में शामिल नहीं होंगे। सोशल डिस्टेंस, मास्क लगाने और सेनेटाइज के बाद सीमित संख्या में दर्शन की अनुमति रहेगी।