शारदीय नवरात्र को लेकर राजधानी के मंदिरों में तैयारियां शुरू हो गईं। इस बार कोरोना के चलते श्रद्धालु सामाजिक दूरी के साथ मंदिरों में मां दुर्गा के स्वरूपों के दर्शन कर सकेंगे। मंदिरों को रोशनी से जगमग करने का कार्य अंतिम चरण में है। मंदिरों में प्रसाद, फूल माला, नारियल, चुनरी चढ़ाने पर रोक रहेगी। श्रद्धालुओं को केवल दर्शन की इजाजत होगी।
झंडेवाला देवी मंदिरः
मंदिर में न हो भीड़ घर-घर पहुंचाएंगे प्रसाद
झंडे वाला देवी मंदिर के मीडिया प्रभारी नंद किशोर सेठी ने बताया कि मंदिर में 17 से लेकर 25 अक्टूबर तक शारदीय नवरात्र महोत्सव धूमधाम से मनाया जाएगा। मंदिर में बुजुर्गों, छोटे बच्चों और गर्भवती महिलाओं के प्रवेश पर रोक रहेगी। बिना मास्क, थर्मल स्क्रीनिंग और हाथों को सैनेटाइज के प्रवेश नहीं मिलेगा। तीन अलग-अलग जगहों से मंदिर में श्रद्धालु मां के दर्शन के लिए अंदर जा सकेंगे। मंदिर प्रांगण में बैठने पर रोक रहेगी। श्रद्धालुओं के घर तक प्रसाद पहुंचाने की व्यवस्था की जा रही है। इसके लिए आठ रथ मंदिर से सुबह छह बजे रोजाना दिल्ली के अलग-अलग रिहाइशी इलाकों के लिए रवाना होंगे। मंदिर से केवल चार लोग ही जोत ले जा सकेंगे।
छतरपुर मंदिरः
डिस्पेंसिंग मशीन से मिलेगा पैक प्रसाद
छतरपुर मंदिर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. किशोर चावला का कहना था कि श्रद्धालुओं के प्रवेश के लिए दो द्वार बनाए गए हैं। श्रद्धालु मंदिर में मां के सामाजिक दूरी के साथ दर्शन कर सकेंगे। मंदिर में श्रद्धालुओं के तिलक लगाने और फूलमाला चढ़ाने पर रोक रहेगी। खांसी और जुकाम के लक्षण वाले श्रद्धालुओं को भी प्रवेश नहीं मिलेगा। थर्मल स्क्रीनिंग और हैंड सैनेटाइज की व्यवस्था रहेगी। दर्शन के बाद श्रद्धालुओं को निकासी द्वार पर डिस्पेंसिंग मशीन से पैक प्रसाद मिलेगा।
कालकाजी मंदिर के महंत सुरेंद्रनाथ अवधूत ने बताया कि कोरोना की वजह कालकाजी मंदिर बंद रहेगा। स्थानीय प्रशासन के निर्देशानुसार मंदिर को बंद रखा जाएगा।
घर पर पूजा करना ज्यादा सुरक्षित
अखिल भारतीय ज्योतिष परिषद के राष्ट्रीय महासचिव आचार्य कृष्ण दत्त शर्मा ने बताया कि कोरोना काल में जो श्रद्धालु मां दुर्गा के दर्शन के लिए मंदिर नहीं जा सकते हैं। वह घर पर बैठकर पूजा-अर्चना करें तो ज्यादा उचित रहेगा। इससे वह कोरोना से सुरक्षित भी रहेंगे। घर पर कलश स्थापित करके और अखंड दीपक जलाकर पूजा की जा सकती है।