छठ महापर्व काे लेकर झारखंड सरकार ने गाइडलाइन जारी कर दी है। मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली उच्चस्तरीय आपदा प्रबंधन कमेटी ने नदी, तालाब, झील और डैम जैसे सार्वजनिक जलाशयों पर छठ पूजा पर राेक लगा दी है। आदेश में कहा गया है कि काेविड-19 काे देखते हुए साेशल डिस्टेंसिंग के तहत दाे गज की दूरी जरूरी है।
छठ में अर्घ्य देने के लिए सूर्याेदय और सूर्यास्त पर दाे बार समय निर्धारित हाेता है। इस समय नदी-तालाबाें में बड़ी संख्या में लाेग जमा हाेते हैं। एक साथ अर्घ्य देते हैं। ऐसे में सार्वजनिक जलाशयाें पर साेशल डिस्टेंसिंग का पालन कराना संभव नहीं हाे पाएगा। इसी काे ध्यान में रखकर यह राेक लगाई गई है।
सरकार का तर्क... राहत दी तो बढ़ सकता है कोरोना का संक्रमण
- पानी में एक साथ खड़े हाेकर अर्घ्य देने की धार्मिक मान्यता है। एक ही पानी में ज्यादा लाेगाें के खड़े हाेने से इंफेक्शन फैलने का खतरा हाे सकता है।
- एक साथ ज्यादा लाेगाें के पानी में खड़े हाेने से पानी भी प्रदूषित हाेने की संभावना है। इसी कारण स्विमिंग पूल खाेलने की भी इजाजत नहीं हाेगी।
- अर्घ्य देते समय राष्ट्रीय स्तर पर जारी मास्क और फेस कवर पहनने के लिए जारी गाइडलाइन का भी पालन संभव नहीं हाे पाएगा।
- राज्य में काेविड-19 के मामले काफी घटे हैं। छठ पर अगर राहत दी गई ताे फिर काेराेना फैलने का खतरा बढ़ सकता है।
इन पर भी रहेगी राेक
- जलाशयाें के किनारे लाइटिंग, मार्किंग और बैरिकेडिंग नहीं कर पाएंगे।
- सार्वजनिक स्थल पर आतिशबाजी पर भी पूरी तरह राेक रहेगी।
- छठ घाट के आसपास किसी भी तरह के मनाेरंजक व सांस्कृतिक कार्यक्रमाें पर पूरी तरह से प्रतिबंध रहेगा।
मुख्य सचिव से मिलीं मेयर, कहा-छठ पर विशेष छूट दें
इससे पहले शुक्रवार काे रांची मेयर आशा लकड़ा मुख्य सचिव सुखदेव सिंह से मिलीं और उन्हें ज्ञापन साैंपा। उन्हाेंने कहा-निगम ने घाटाें की साफ-सफाई की तैयारी पूरी कर ली है। सरकार छठ काे लेकर विशेष छूट दे ताकि श्रद्धालु धूमधाम से छठ मना सकें। मेयर ने कहा कि छठ पर दूर-दराज से लाेग घर आते हैं।