बृहन्मुंबई महानगर पालिका (बीएमसी) ने मुंबई में समुद्र तट, नदी और तालाब किनारे छठ पूजा करने पर रोक लगा दी है। शहर के प्राकृतिक जलाशयों के किनारे बड़े पैमाने पर छठ पूजा करने पर रोक लगाने संबंधी आदेश मंगलवार को जारी किए गए। निकाय संस्था ने इसके साथ ही श्रद्धालुओं से भीड़भाड़ से बचने का आह्वान भी किया।
बीएमसी ने पुलिस से भी कहा है कि वो सार्वजनिक जगहों पर भीड़ को इकट्ठा होने से रोके। हालांकि भक्तों को कृत्रिम तालाबों में छठ पूजा करने की इजाजत है, लेकिन इसे लेकर भी सख्त निर्देश जारी किए गए हैं। बता दें कि छठ पूजा के मौके पर हर साल लाखों लोग मुंबई के जुहू बीच पर इकट्ठा होते हैं। कोरोना के मद्देनजर इस बार रोक लगाई गई है।
सूर्य देवता को समर्पित छठ पर्व शुक्रवार और शनिवार को मनाया जाएगा। बीएमसी की ओर से जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया कि बड़े पैमाने पर छठ पूजा आयोजित करने पर रोक लगाई गई है, क्योंकि समुद्र तट और नदी किनारे बड़ी संख्या में लोगों के एकत्र होने पर कोविड-19 महामारी से बचने के लिए जरूरी शारीरिक दूरी का पालन कराने में कठिनाई होगी।
बीएमसी ने साफ कहा है कि विभागीय स्तर पर संस्थाओं की तरफ से अनुमति मांगने पर कृत्रिम तालाब बनाने की अनुमति दी जाएगी। वहीं पूजा स्थल पर मेडिकल टीम तैनात रहेगी और जरूरत पड़ने पर एंटीजन या आरटी-पीसीआर टेस्ट भी किए जाएंगे।
दिल्ली में सार्वजनिक स्थलों पर नहीं हो सकेगी छठ पूजा
देश की राजधानी दिल्ली में कोविड-19 के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। ऐसे में छठ पूजा का आयोजन सार्वजनिक स्थलों पर नहीं किया जाएगा। हालांकि लोग अपने घरों में या किसी निजी स्थल पर छठ का त्योहार मना सकते हैं। त्योहार में कोविड-19 दिशानिर्देशों का पालन करना जरूरी होगा।