Sanskar
Related News

वाराणसी: घाटों पर गंगा का दबाव कम करने के लिए की जाएगी ड्रेजिंग, घाटों से मुड़ेगा निर्मल गंगा का प्रवाह

वाराणसी में निर्मल और अविरल गंगा के प्रवाह को खूबसूरत अर्धचंद्राकार घाटों पर हल्का किया जाएगा। गंगा पार रेती पर ज्यादा बालू और मिट्टी जमा होने के कारण गंगा का दबाव घाटों पर बढ़ रहा है। इससे घाटों पर कटान का खतरा बना हुआ है। गंगा के पानी का दबाव कम करने के लिए रेती की तरफ ड्रेजिंग (गहराई) कराई जाएगी। शासन की मंजूरी के बाद लखनऊ की एक्सपर्ट टीम ने गंगा पार रेती का सर्वे कर लिया है। अब सिंचाई विभाग की टीम गंगा पार की तरफ कैनाल (नहर) विकसित कर गंगा के प्रवाह को बदलने का प्रयास करेंगे।

दरअसल, कछुआ सैंक्चुअरी के चलते गंगा में वर्षों तक किसी तरह की गतिविधियां प्रतिबंधित थीं। ऐसे में गंगा पार इलाके में रेती और मिट्टी एकत्र होकर पहाड़ सा बन गया है। इसके चलते गंगा का प्रवाह घाटों पर तेज हो गया है और भविष्य में इससे घाटों को नुकसान हो सकता है। इसके अलावा राजघाट से अस्सी के बीच प्रस्तावित रो रो सर्विस में कई जगहों पर कम पानी की समस्या बड़ी बाधक बन रही है।

ऐसे में ड्रेजिंग से ढलान बढ़ाने के साथ ही पानी जलस्तर पर भी बढ़ाया जाएगा। यहां बता दें कि जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने शासन को गंगा में ड्रेजिंग का प्रस्ताव दिया है। इसी पर सिंचाई विभाग की एक टीम लखनऊ से आई थी और पूरे इलाके का सर्वे किया है। इसमें फिजिबिलिटी रिपोर्ट तैयार की जा रही है और जल्द ही ड्रेजिंग की उम्मीद है।

वाराणसी-प्रयागराज के बीच 35 जगह जलस्तर कम
गंगा की धारा प्रवाह को बढ़ाने के लिए प्रयागराज से वाराणसी तक लगभग 176 किलोमीटर तक की ड्रेजिंग की योजना है। वाराणसी से प्रयागराज के बीच 35 स्थान ऐसे हैं, जहां पर गंगा का जलस्तर बहुत कम है। प्रति किलो मीटर दस सेमी का ढलान है। लेकिन रेत अधिक होने से कई स्थानों पर ढलाने नाम मात्र का रह गया है। इस समय गंगा में कई स्थान ऐसे हैं जहां पर तीन फीट ही पानी है।

नहर बनाकर ठीक किया जाएगा प्रवाह
दरअसल, गंगा में एक तरफ दबाव बढ़ने से पानी का प्रवाह घाटों की ओर बढ़ा है। ऐसे में कछुआ सैंक्चुअरी की तरफ नहर बनाकर गंगा के प्रवाह को ठीक किया जाएगा। इसके लिए सर्वे के आधार पर फिजिबिलिटी रिपोर्ट तैयार की जा रही है। उम्मीद है कि इस वर्ष अप्रैल-मई में ड्रेजिंग का काम शुरू किया जाएगा।

जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने बताया कि घाटों पर गंगा का दबाव बढ़ा है। शासन को ड्रेजिंग का प्रस्ताव दिया गया है। लखनऊ की एक्सपर्ट टीम का सर्वे पूरा हो गया है। इसमें कैनाल बनाकर प्रवाह को दोनों तरफ समान किया जाएगा। इसके लिए शासन स्तर पर तैयारी चल रही है।