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रामायण सर्किट से जुड़ेंगे भारत और श्रीलंका

भारत सरकार अयोध्या में न सिर्फ राम मंदिर का निर्माण कर रही है बल्कि इसे आध्यात्मिकता के साथ-साथ अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन स्थल के रूप में भी पहचान दिलाने की कोशिशें कर रही है। इसके तहत दुनिया भर के लोगों को अयोध्या के उन स्थानों से भी रूबरू कराया जाएगा जिन जगहों से भगवान श्रीराम का नाता रहा है। इसमें 14 साल के वनवास के दिनों से लेकर श्रीलंका का सफर भी शामिल होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भगवान श्रीराम की जन्मभूमि अयोध्या नगरी का विकास होगा। इसमें केंद्र सरकार के साथ-साथ उत्तर प्रदेश सरकार मिलकर काम करेगी।

अयोध्या नगरी में भगवान रामलला का मंदिर, हनुमान गड़ी मंदिर, सरयू नदी के घाट, मां सीता की रसोई, कनक भगवन,श्रीनागेश्वरनाथ मंदिर, तुलसी उद्यान, मनीपर्वत मंदिर, राम की पौड़ी, अम्माजी मंदिर, तुलसी स्मारक, त्रेतामंदिर आदि की जानकारी तो मिलेगी।
इसके अलावा भगवान श्रीराम किन-किन स्थलों पर गए हैं, उन्हें रामायण सर्किट में जोड़ा जाएगा। रामायण सर्किट बनाने का काम मंत्रालय ने शुरू कर दिया है। वहीं,युवा पर्यटकों के लिए भी अलग तरह से योजना बन रही है।
अतुल्य भारत में अगले वर्ष से जुड़ेगा
अतुल्य भारत के तहत केंद्र सरकार विदेशों में भारत के पर्यटन स्थलों की जानकारी देती है। इसी में 2021 से तिरुपति बालाजी, सिद्धि विनायक, बनारस, हरिद्वार, केदानाथ, शिरड़ी की तर्ज पर अयोध्या को भी जोड़ेगी। आने-जाने से लेकर अन्य जानकारियां भी मुहैया करवायी जाएगी।

आत्मनिर्भर भारत में स्थानीय युवाओं को मौका
आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत अयोध्या नगरी के विकास में स्थानीय युवाओं को तबज्जो दी जाएगी। इसके तहत केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय युवाओं को आईआईटीएफसी कोर्स करने का मौका दे रही है। इसमें अयोध्या नगरी व भगवान श्रीराम से जुड़े स्थलों की जानकारी, स्थानीय पर्यटन स्थलों, हिंदी और अंग्रेजी के साथ अन्य भाषाओं की ट्रेनिंग भी दी जाएगी। वे गाइड, होटल इंडस्ट्री, एयरपोर्ट, रेलवे समेत अन्य सेवाओं से जुड़कर रोजगार प्राप्त कर सकते हैं।