हमारा देश एक धर्म प्रधान देश है। यहां के हर राज्य में कोई न कोई ऐसा मंदिर मौजूद है जिसका पौराणिक महत्व काफी ज्यादा है। भारत के दक्षिणी राज्य कर्नाटक के बगलकोट में वनशंकरी मंदिर मौजूद है। ऐसा माना जाता है कि यह मंदिर करीब 1300 साल पुराना है। यहां हर साल शाकंभरी प्राकट्योत्सव पर कई तरह की शाक-सब्जियों से देवी की विशेष पूजा की जाती है।
देवी शाकंभरी यानी वनशंकरी मंदिर का निर्माण चालुक्य राजाओं ने करवाया था और वे देवी बनशंकरी को अपने कुल देवी के रूप में पूजते थे लेकिन धीरे-धीरे यह मंदिर टूटता गया। वर्तमान में जो मंदिर मौजूद है उसे मराठा सरदार परशुराम आगले ने 1750 में बनवाया था। ऐसा कहा जाता है कि वनशंकरी देवी का मूल मंदिर चालुक्यों के शासनकाल से पहले ही मौजूद था।
मंदिर के सामने दीप स्तंभ को द्रविड़ शैली में बनाया गया था। लेकिन टूटने के बाद फिर उसे विजयनगर स्थापत्य शैली में बनाया गया है। मंदिर के चारो तरफ ऊंची दीवारें हैं। मंदिर परिसर में एक मुख्य मंडप और एक अर्ध मंडप है। जो कि गर्भगृह के सामने बना है। साथ ही एक मीनार भी है।