प्रयागराज के संगम तट से सोमवार से पंचकोसीय परिक्रमा का शुरू हो गई। यह परिक्रमा तीन दिन तक चलती है। सोमवार को संगम तट पर 11 बजे पूजन और आरती के साथ पंचकोसीय परिक्रमा की शुरुआत हुई। इसमें अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि, महामंत्री व जूना अखाड़े के संरक्षक महंत हरि गिरि शामिल हुए हैं। पंचकोसीय परिक्रमा में इस बार दंडी संन्यासी व कीडगंज राम-जानकी मंदिर में किन्नर अखाड़ा भी शामिल हुआ।
तीन दिनी परिक्रमा पहले दिन 15 पड़ावों से गुजरी।
संगम तट पर अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष व महामंत्री के साथ पूजन में आईजी केपी सिंह, मेलाधिकारी विवेक चतुर्वेदी, अखिल भारतीय दंडी संन्यासी परिषद के संरक्षक स्वामी महेशाश्रम, अध्यक्ष स्वामी ब्रह्माश्रम, जूना अखाड़े के महंत नारायण गिरि, श्रीमहानिर्वाणी अखाड़े के महंत जमुनादास आदि साधु संत शामिल रहे। यहां पूजन के बाद संतों का काफिला सीधे अक्षयवट पहुंचा। अक्षयवट की छाया में साधु संतों ने पूजन किया और फिर बंधवा बड़े हनुमान मंदिर के दर्शन व पूजन किए। इसके बाद साधु संत मौजगिरि आश्रम में पूजन के लिए गए। यहां से पूजन के लिए कीडगंज प्राचीन राम जानकी मंदिर पहुंचे। यहां पर किन्नर अखाड़े की प्रदेश प्रभारी कौशल्यानंद गिरि, प्रयागराज की महामंडलेश्वर कौशल्यानंद गिरि सहित तमाम लोग यात्रा में शामिल हुए। इसके बाद यात्रा तमाम पड़ावों से गुजरी। पहले दिन की यात्रा बरखंडी महादेव के पूजन के साथ पूरी हुई।