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आज है जया एकादशी. पंचांग के अनुसार माघ मास की शुक्ल पक्ष के दिन जय एकादशी मनाई जाती है. इस दिन भगवान विष्णु की पूजा अर्चना की जाती है. ऐसा माना जाता है कि इस व्रत को करने से पापों से मुक्ति मिलती है. और मोक्ष की प्राप्ति होती है. जय एकादशी के दिन नारायण की प्रेम भाव से पूजा अर्चना करने से सारी मनोकामना पूरी होती है. पौराणिक कथाओं के अनुसार, जया एकादशी के दिन श्रीहरि का नाम जपने से पिशाच योनि का भय नहीं रहता है. जातक जीवन में धन, ऐश्वर्य एवं समस्त सुखों का भोग करता है.
जया एकादशी का पौराणिक महत्व
जया एकादशी का विशेष महत्व बताया गया है. एकादशी का व्रत सबसे कठिन व्रतों में से एक माना जाता है. एकादशी की तिथि के शुरू होते ही इस व्रत का आरंभ हो जाता है. एकादशी व्रत में कठोर नियमों का पालन करना होता है. पौराणिक मान्यता है कि यदि विधि पूर्वक इस व्रत का किया जाए तो जीवन में इसके शुभ फल प्राप्त होते हैं. भगवान श्रीकृष्ण ने युधिष्टिर और अर्जुन को एकादशी के महत्व के बारे में बताया था.
जया एकादशी पर भूलकर भी न करें ये काम
-जया एकादशी व्रत के दिन भूलकर भी जुआ नहीं खेलना चाहिए. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ऐसा करने से व्यक्ति के वंश का नाश होता है.
-जया एकादशी व्रत में रात को सोना नहीं चाहिए. व्रती को पूरी रात भगवान विष्णु की भाक्ति, मंत्र जप और जागरण करना चाहिए.
-जया एकादशी व्रत के दिन भूलकर भी चोरी नहीं करनी चाहिए. कहा जाता है कि इस दिन चोरी करने से 7 पीढ़ियों को उसका पाप लगता है.
-जया एकादशी के दिन भगवान विष्णु की कृपा पाने के लिए व्रत के दौरान खान-पान और अपने व्यवहार में संयम के साथ सात्विकता भी बरतनी चाहिए.
-इस दिन व्रती को भगवान विष्णु की कृपा पाने के लिए किसी भी व्यक्ति से बात करने के लिए कठोर शब्दों का प्रयोग नहीं करना चाहिए.
-इस दिन क्रोध और झूठ बोलने से बचना चाहिए.
-जया एकादशी के दिन सुबह जल्दी उठना चाहिए और शाम के समय सोना नहीं चाहिए.