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उत्तराखंड के हर जिले में अनेक प्राचीन मंदिर मौजूद हैं। इन मंदिरों के पीछे कोई न कोई कहानी जुड़ी हुई है। भगवान शिव और माता पार्वती से जुड़ा मंदिर है त्रियुगीनारायण। ऐसा माना जाता है कि इसी मंदिर में भगवान विष्णु ने शिवजी और माता पार्वती की शादी कराई थी। पिछले कुछ समय से यह मंदिर खास वेडिंग डेस्टिनेशन बनता जा रहा है। काफी लोग यहां विवाह करने के लिए पहुंचते हैं।
उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले के त्रियुगी नारायण के इस मंदिर की खास बात ये है कि यहां भगवान विष्णु और लक्ष्मी का मंदिर है। ये जगह शिव-पार्वती विवाह स्थल के रूप में ज्यादा प्रचलित है। मंदिर में एक अखंड धुनी है। इस धुनि के संबंध में कहा जाता है कि ये वही अग्नि है, जिसके फेरे शिव-पार्वती ने लिए थे। आज भी उनके फेरों की अग्नि धुनि के रूप में जागृत हैं।