105 Views
भारत में नवरात्रि की तरह ही छठ पूजा भी दो बार मनाया जाता है. जिसमें पहला चैत्र मास में, तो दूसरा कार्तिक मास में आता है. इस साल चैत्र नवरात्रि के बीच में ही चैती छठ का चार दिवसीय पर्व मनाया जायेगा. यह पर्व 16 अप्रैल यानि कल से नहाय खाय के साथ शुरू हो रहा है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार छठ सूर्यदेव की बहन हैं. आइए जानते हैं चार दिनों तक चलने वाले इस पावन पर्व का महत्व और व्रत – उपवास के नियम.
चैती छठ पर्व 2021:
नहाय- खाय: छठ पर्व की शुरुआत 16 अप्रैल 2021 को नहाय- खाय के साथ किया जाएगा. इस दिन पूरे घर की साफ –सफाई की जाती है. उसके बाद स्नान कर व्रत का संकल्प लिया जता है. व्रती को इस दिन चने की सब्जी, चावल, साग आदि खाना चाहिए. अगले दिन खरना से व्रत की शुरुआत होती है.
खरना: खरना 17 अप्रैल 2021, शनिवार को है इस दिन महिलायें पूरे दिन व्रत रखेंगी और शाम को मिट्टी के चूल्हे पर गुड़वाली खीर का प्रसाद बनाएंगी. सूर्य देव की पूजा करने के बाद यह प्रसाद ग्रहण करेंगी. इसके बाद व्रत का पारणा छठ पर्व के समापन के बाद ही किया जाता है.
सूर्य को अर्घ्य देना : षष्ठी तिथि पर महिलायें शाम के समय तालाब या नदी में जाकर सूर्य को अर्घ्य देती है. इस साल छठ तिथि 18 अप्रैल 2021, रविवार को है इसी दिन महिलायें अर्घ्य प्रदान करेंगी.
चैती छठ पर्व का समापन: चैती छठ का समापन 19 अप्रैल सप्तमी को किया जाएगा. इस दिन महिलायें सूर्योदय से पहले ही नदी या तालाब के पानी में उतर जाती हैं और सूर्यदेव से प्रार्थना करती हैं. इसेक बाद उगते सूर्य को अर्घ्य देकर व्रत का समापन एवं पारण करती है.