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कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए एक टीचर ने अपने स्कूल को बनाया कोविड सेंटर

 
भारत में कोरोना की दूसरी स्ट्रेन की रफ्तार से कई राज्य प्रभावित हैं । भारत के लिए दुनिया के कई देशों ने मदद का हाथ बढ़ाया है । तो देश की कई संस्थाएं और समाजसेवी ऐसे भी हैं जिन्होंने महामारी के दौरान मानव सेवा का संकल्प लिया है और अपनी जान जोखिम में डालकर जरूरतमंद लोगों की मदद कर रहे हैं उन्हीं में से एक है । मध्य प्रदेश के जबलपुर के रहनेवाले अखिलेश मेबन जो विजय नगर स्थित जॉय सीनियर सेकेण्डरी स्कूल के संचालक हैं । राज्य और जिले में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए अखिलेश मेबन ने अपने स्कूल को कोविंड सेंटर में तब्दील कर दिया है । अखिलेश मेबन ने अपनी मां स्वर्गीय विमला ग्रेस मेबन की स्मृति में चेरिटेबल कोविड-19 केयर एंड क्वारंटाइन सेंटर बनवाया है जहां स्कूल के क्लास रुम को अस्पताल की शक्ल दी गई है ताकी यहां कोरोना संक्रमित मरीजों को रखा जा सके । यहां इलाज के लिए वेंटिलेटर और ऑक्सीजन जैसी हर तरह की मेडिकल सुविधा का विशेष ख्याल रखा गया है ताकी यहां पहुंचने वाले मरीजों को किसी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़े । 100 बिस्तर के इस कोविड सेंटर में सिर्फ महिला मरीजों को रखा जाएगा । मरीजों को यहां मेडिकल सुविधा के अलावा नाश्ता चाय और भोजन की भी व्यवस्था की गई है । सबसे खास बात ये है कि इस स्कूल के शिक्षक भी कोरोना मरीजों की मदद कर रहे हैं । दवाई और बाकी दूसरी सुविधाओं के लिए और दूसरे समाजसेवी और बिजनेसमैन भी स्कूल के संपर्क में हैं । इतना ही नहीं कोरोना से मृत शरीर के अंतिम संस्कार के लिए जॉय एजुकेशसन सोसाइटी ने जबलपुर की मोक्ष मानव संस्था को 2 शव वाहन प्रदान किए हैं । संस्था ने मरीजों की सहायता के लिए डॉ अभिजीत मुखर्जी जबलपुर के अस्पताल को वेंटिलेटर भेंट किया है ।
 
पिछले साल भी कोरोना महामारी के दौरान जॉय एजुकेशसन सोसाइटी ने जबलपुर के ज़िला अधिकारी को 10 लाख, रेड क्रॉस सोसाइटी जबलपुर को 1 लाख और जबलपुर पुलिस को 1 लाख रुपये दिए थे । जहां एक ओर लोग कोरोना की वजह से अपने घरों में रहने को मजबूर हैं ऐसे हालात में अखिलेश मेबन ने लोगों के बीच जाकर मानव सेवा के काम को चूना है । लोगों की सेवा के लिए समर्पण का भाव उनके दिल में बसता है और ज़रूरतमंदों के मदद का काम वो पिछले कई साल से करते आ रहे हैं ।