इस समय देश कोरोना वायरस जैसी बड़ी महामारी से जूझ रहा है। ज्यादातर परिजन अपनों को बचाने की लड़ाई लड़ रहे है। बहुत से लोग अपनों को सिर्फ इसलिए खो दे रहे हैं क्योंकि उन्हें टाइम पर ऑक्सीजन नहीं मिल पा रहा है। इन परिस्थियों को देखते हुए देश के कई शहरों से युवा सामने आए हैं, जो अपने इनोवेशन और टैक्नोलॉजी की समझ से लोगों की मदद कर रहे हैं. पॉजिटिव स्टोरी आज हम आपको ऐसे ही एक युवा के बारे में बताएंगे जिन्होंने 17-18 घंटे काम करके बहुत सारी ऑक्सीजन फ्लो मीटर मशीन बना बनाई. और जरूरतमंदों की मदद कर रहे हैं.
बलजीत सालों से ऑक्सीजन रिलेटेड पार्ट्स की रिपेयरिंग और वेल्डिंग का काम करते हैं। कोरोना महामारी के बीच जब उन्हें पता चला कि देशभर में ऑक्सीजन फ्लो मीटर की कमी हो गई है। लोग कालाबाजारी कर रहे हैं, जिसे जरूरत है, उसे फ्लो मीटर नहीं मिल पा रहा है। तो ऐसे में बलजीत ने तय किया कि वे खुद ही ऑक्सीजन फ्लो मीटर तैयार करेंगे और जरूरतमंदों को उपलब्ध कराएंगे। महज एक हफ्ते में ही 600 लोगों को वे ऑक्सीजन फ्लो मीटर दे चुके हैं।
38 साल के बलजीत कहते हैं कि मैंने अपने पिता से रिपेयरिंग और वेल्डिंग का काम सीखा है। अभी मैं ऑक्सीजन फ्लो मीटर तैयार कर रहा हूं। मेरे साथ एक वर्कर भी है। हम लोग अपनी दुकान पर ही इसे तैयार करते हैं। इसमें लगने वाले पार्ट्स हम दिल्ली या दूसरे शहरों से मंगा रहे हैं। हर दिन हम 17-18 घंटे काम कर रहे हैं, ताकि ज्यादा से ज्यादा प्रोडक्ट तैयार किया जा सके।
वे कहते हैं कि अभी डिमांड इतनी बढ़ गई है कि फ्लो मीटर की बात छोड़िए, इसमें लगने वाले पार्ट्स भी मुश्किल से मिल रहे हैं। वो भी महंगे दामों पर। जो पार्ट्स पहले मुझे 50 रुपए में मिल रहे थे, अब हमें उसके लिए 200 से 250 रुपए कीमत चुकानी पड़ रही है।
बलजीत बताते हैं कि वे हर दिन 70 से 80 लोगों को ऑक्सीजन फ्लो मीटर उपलब्ध करा रहे हैं। इसके लिए सिर्फ रुद्रप्रयाग ही नहीं बल्कि दिल्ली, गाजियाबाद, बरेली जैसे शहरों से भी लोग आ रहे हैं। वे कहते हैं कि हमारी पूरी कोशिश है कि ज्यादा से ज्यादा लोगों की मदद की जाए। जो लोग सक्षम होते हैं हम उनसे पैसे लेते हैं, लेकिन जो गरीब होते हैं, उन्हें हम कम कीमत या मुफ्त में भी फ्लो मीटर उपलब्ध करा रहे हैं।
बलजीत कहते हैं कि अभी इसकी कालाबाजारी बढ़ गई है। लोग जरूरत से ज्यादा कीमत वसूल रहे हैं। कई लोग कम कीमत में खरीदकर अधिक मुनाफे पर बेच रहे हैं। ऐसे में जिनके पास पैसे हैं, उन्हें तो बहुत दिक्कत नहीं हो रही, लेकिन जो गरीब या मध्यम वर्ग के लोग हैं, उन्हें मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। इसलिए हम सिर्फ उन्हीं को फ्लो मीटर दे रहे हैं, जिनके पास आधार कार्ड और डॉक्टर की स्लिप है।