मोहिनी एकादशी का सनातन धर्म में बहुत महत्त्व है. इस साल 23 मई को मोहिनी एकादशी मनाई जाएगी. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन भगवान विष्णु ने देवी-देवताओं को अमृत पान कराने के लिए मोहिनी रूप धारण किया था. एकादशी तिथि भगवान विष्णु को समर्पित होती है. इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से जीवन में सुख समृद्धि आती है और हर इच्छा पूरी होती है.
मोहिनी एकादशी का महत्व
हिंदू धर्म में एकादशी व्रत का विशेष महत्व बताया गया है. एकादशी का व्रत सभी व्रतों में कठिन माना गया है. एकादशी का व्रत जीवन में सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करता है. इसके साथ ही दांपत्य जीवन और संतान संबंधी परेशानियों को भी दूर करता है. जीवन में आने वाली बाधा और संकटों को भी दूर करने में मोहिनी एकादशी का व्रत श्रेष्ठ फलदायी माना गया है.
मोहिनी एकादशी का शुभ मुहूर्त
एकादशी तिथि प्रारम्भ: 22 मई 2021 को 09 : 15 एएम बजे से.
एकादशी तिथि समाप्त: 23 मई 2021 को 06 : 42 एएम बजे तक
मोहिनी एकादशी व्रत की विधि
मान्यता है कि एकादशी का व्रत एकादशी तिथि के आरंभ होने से ही शुरू हो जाता है. एकादशी व्रत में नियम और कठोर अनुशासन का पालन करना होता है. इसलिए इनका विशेष ध्यान रखना चाहिए. 23 मई 2021 को एकादशी की तिथि में सुबह उठकर नित्यकर्म स्नानादि से निवृत होकर भगवान के समक्ष व्रत का संकल्प लेना चाहिए. इसके उपरांत पूजा स्थल पर बैठकर पूजा की चौकी पर भगवान विष्णु की मूर्ति या चित्र को स्थापित करें. पूजन प्रारंभ करें. भगवान विष्णु का विधि विधान से पूजन और चंदन, अक्षत, पंचामृत, पुष्प, धूप, दीप, नैवेद्य और फल आदि अर्पित करें. इस दिन विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करना अति उत्तम माना गया है. मोहिनी एकादशी व्रत का अगले दिन शुभ मुहूर्त में पारण करें.
मोहिनी एकादशी व्रत पारण मुहूर्त
पारण का शुभ मुहूर्त : 24 मई सुबह 05: 26 बजे से सुबह 08:10 बजे तक