Sanskar
Related News

इस साल भी गंगा दशहरा पर श्रद्धालु नहीं कर पाएंगे गंगा स्नान

सनातन धर्म में गंगा दशहरे का बहुत महत्व है। इस साल ज्येष्ठ मास की शुक्ल पक्ष दशमी तिथि यानी 20 जून को पड़ रहा है। इस दिन श्रद्धालु पवित्र गंगा में डुबकी लगाकर पूजा-पाठ करते हैं। लेकिन इस साल भी लॉकडाउन के चलते वाराणसी में गंगा दशहरा पर श्रद्धालु गंगा में डुबकी नहीं लगा पाएंगे। वीकली लॉकडाउन के कारण गंगा स्नान पर रोक लगा हुआ है। उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में शुक्रवार की शाम 7 बजे से सोमवार की सुबह 7 बजे तक का वीकेंड लॉकडाउन घोषित है। इसके चलते वाराणसी के सारे मंदिर भी बंद रहेंगे।

नहीं कर सकेंगे गंगा स्नान, घर में पूजापाठ करें लोग
जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने गुरुवार की सुबह 'दैनिक भास्कर' को बताया कि वीकेंड लॉकडाउन को लेकर अभी प्रदेश सरकार की ओर से किसी भी तरह की ढील नहीं दी गई है। वाराणसी के लोग स्वस्थ और सकुशल रहें, यह हमारी शीर्ष प्राथमिकता में शामिल है। गंगा दशहरा का पर्व रविवार को है और उस दिन वीकेंड लॉकडाउन है। इसलिए किसी को भी गंगा घाट पर स्नान करने की इजाजत नहीं दी जाएगी।

गंगा घाटों पर पुलिस और पीएसी के जवान तैनात रहेंगे। मंदिरों में दर्शन-पूजन को लेकर भी ऐसी ही सख्ती रहेगी। हमारी अपील यही है कि लोग अपने घरों में पूजा-अर्चना करें। काशी का कण-कण शिव और यहां के हर एक जगह का पानी गंगाजल है। वीकेंड लॉकडाउन का कोई भी उल्लंघन न करें। अन्यथा पुलिस उसके साथ सख्ती से पेश आएगी।

क्या है गंगा दशहरा का महात्म्य
ज्योतिषाचार्य पं. श्रीराम शर्मा ने बताया कि पौराणिक मान्यता के अनुसार गंगा का अवतरण ज्येष्ठ महीने के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को हस्त नक्षत्र में आनंद योग में हुआ था। मस्त्य महापुराण में लिखा है कि गंगा का नाम लेने से ही मनुष्य पाप से मुक्त हो जाता है। गंगा के अवतरण के समय 10 योग विद्यमान थे। इसलिए इस दिन स्नान और उनकी पूजा से 10 तरह के पापों और दोषों से मुक्ति मिल जाती है।

खासतौर से वाराणसी की बात की जाए तो यह एकमात्र स्थान है जहां गंगा उत्तर वाहिनी है। गंगा ने यहां बाबा विश्वनाथ का दर्शन किया था और तब आगे बढ़ीं थीं। सृष्टि के सृजन से पहले ब्रह्मा काशी आए थे और उन्होंने दस अश्वमेध यज्ञ किए। वह स्थान दशाश्वमेध घाट कहलाया। इसीलिए दशाश्वमेध घाट पर स्नान के लिए सबसे ज्यादा भीड़ होती है। पं. श्रीराम शर्मा ने कहा कि कोरोना का खतरा अभी टला नहीं है, ऐसे में गंगा दशहरा के दिन घर में ही स्नान करें। इसके बाद सूर्य को अर्घ्य देकर सभी की समृद्धि, शांति और सुख की कामना करें।