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भाई दूज के दिन ही होती है भगवान चित्रगुप्त की पूजा, जानें शुभ मुहूर्त

भाई दूज के शुभ अवसर के साथ ही आज चित्रगुप्त भगवान की भी पूजा की जा रही है. चित्रगुप्त हिंदुओं के प्रमुख देवता माने जाते हैं. पुराणों के मुताबिक, चित्रगुप्त अपने दरबार में मनुष्यों के पाप-पुण्य का लेखा-जोखा कर न्याय करते थे. व्यापारी वर्ग के लोगों के लिए यह दिन नए साल की शुरुआत जैसा है. इस दिन नए बहीखातों पर 'श्री' लिखकर कार्य प्रारंभ किया जाता है. हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, इस दिन अगर चचेरी, ममेरी, फुफेरी या कोई भी बहन अपने हाथ से भाई को भोजन कराए तो उसकी आयु बढ़ती है. साथ ही जीवन के कष्ट भी दूर होते हैं. कौन हैं भगवान चित्रगुप्त और क्या है इनकी महिमा? चित्रगुप्त जी का जन्म ब्रह्मा जी के चित्त से हुआ था. इनका कार्य प्राणियों के कर्मों का हिसाब किताब रखना है. मुख्य रूप से इनकी पूजा भाई दूज के दिन होती है. इनकी पूजा से लेखनी, वाणी और विद्या का वरदान मिलता है. चित्रगुप्त पूजा तिथि पंचांग के अनुसार चित्रगुप्त जी की पूजा 6 नवंबर 2021, शनिवार के दिन की जाएगी. चित्रगुप्त जी की पूजा का शुभ मुहूर्त : 6 नवंबर 2021, शनिवार को दोपहर 1:15 मिनट से शाम को 3:25 मिनट तक पूजा का शुभ मुहूर्त बना हुआ है. द्वितीया तिथि प्रारंभ पंचांग के अनुसार 5 नवंबर 2021, शुक्रवार को रात्रि 11 बजकर 15 मिनट पर द्वितीया तिथि प्रारंभ होगी और 6 नवंबर 2021, शनिवार को शाम को 7 बजकर 44 मिनट पर समाप्त होगी. इस दिन राहु काल का समय इस प्रकार रहेगा- राहुकाल : प्रात: काल 9 बजकर 26 मिनट से प्रात: 10 बजकर 47 मिनट तक. कैसे करें चित्रगुप्त की पूजा? पूजा स्थान को साफ कर के एक कपड़ा बिछा कर वहां चित्रगुप्त जी की तस्वीर रखें. दीपक जला कर गणेश जी को चन्दन, रोली, हल्दी, अक्षत लगा कर पूजा करें. चित्रगुप्त जी को भी चन्दन, रोली, हल्दी, अक्षत लगा कर पूजा करें. इसके बाद फल, मिठाई, पान, सुपारी, दूध, घी, अदरक, गुड़ और गंगाजल से बने पंचामृत का भोग लगाएं. इसके बाद परिवार के सभी सदस्य अपनी किताब, कलम की पूजा कर चित्रगुप्त जी के सामने रख दें. इसके बाद एक सफेद कागज पर स्वस्तिक बना कर उस पर अपनी आय और व्यय का विवरण देकर उसे चित्रगुप्त जी को अर्पित कर पूजन करें