हिन्दू धर्म में देवी-देवताओं की पूजा और आराधना के समय कई तरह की सामग्रियों का प्रयोग किया जाता है। जैसे धूप, दीप, सुगन्धित द्रव्य और कपूर। यह परम्परा सदियों से चली आ रही है। ऐसी मान्यता है कि इन सभी चीजों के प्रयोग से देवी-देवता प्रसन्न होते हैं और घर का वातावरण शुद्ध होता है। सनातन धर्म में पूजा के अंत में आरती की जाती है। आरती के समय भगवान के सामने कपूर जलाना बहुत शुभ माना जाता है। कपूर के प्रयोग का महत्त्व जितना धार्मिक है उतना ही वैज्ञानिक भी है। आइए जानते हैं कपूर के धार्मिक और वैज्ञानिक लाभ। कपूर जलाने से मानसिक शांति के साथ-साथ शरीर भी स्वस्थ्य रहता है। घर में कपूर जलाने से घर का वातावरण सुगन्धित बना रहता है और कपूर से घर की नकारात्मक ऊर्जा भी नष्ट हो जाती है। साथ ही सकारात्मक ऊर्जा घर में प्रवेश करती है जिससे घर का वातावरण खुशहाल बना रहता है। हिन्दू धर्म में ऐसी मान्यता है कि यदि आप घर में कपूर जलाते हैं तो आपका पितृदोष खत्म हो जाता है। घर में रोजाना तीन बार सुबह, शाम और रात के वक्त घी में भिगोया हुआ कपूर जलाने से पितृदोष में शांति मिलती है। माना जाता है कि गाय के उपलों पर कपूर जलाकर घर में रखने से घर में बुरी शक्तियों का आगमन नहीं होता है और बुरी नजर से भी बचाव होता है। यदि आपको बुरे सपने परेशान करते हैं तो रात में सोने से पहले बेडरूम में कपूर जलाने से बुरे सपने नहीं आएंगे और वातावरण शांत बना रहेगा। विज्ञान कहता है कि कपूर जलाने से घर में मौजूद बैक्टीरिया नष्ट होते हैं और घर का वातावरण शुद्ध होता है। साथ ही कई बीमारियों से भी बचाव होता है। इसके अलावा कपूर जलाने से आपको कफ, मांसपेशियों में खिंचाव, गर्दन में दर्द और आर्थराइटिस जैसी बिमारियों में भी आराम मिलता है। आयुर्वेद में कपूर के तेल का प्रयोग बहुत लाभकारी बताया गया है।
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