हिंदू धर्म में सूर्य देव एक मात्र ऐसे देवता हैं जो प्रत्यक्ष रूप से नियमित भक्तों को दर्शन देते हैं। उन्हें जगत का पालन हार भी कहा जाता है। तीनों लोक पर सूर्य देव की कृपा है। मान्यता है कि सच्ची श्रद्धा और निष्ठा से अगर नियमित रूप से सूर्य देव की पूजा की जाए, तो जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का आगमन होता है। मान्यता है कि करियर और कारोबार में उन्नति और सफलता पाने के लिए सूर्य का मजबूत होना जरूरी है। कहते हैं जिन जातकों का सूर्य मजबूत होता है, उन्हें करियर और करोबार में कोई समस्या का सामना नहीं करना पड़ता है। सरकारी नौकरी पाने के लिए भी सूर्य और गुरू मजबूत करने की सलाह दी जाती है। अगर आप भी जीवन में सुख, शांति और समृद्धि चाहते हैं तो नियमित रूप से सूर्य देव की पूजा-अर्चना करें। उन्हें नियमित रूप से अर्घ्य दें। साथ ही मंत्रों का जाप करें। आइए जानते हैं सूर्य देव की पूजा करने की विधि और मंत्र के बारे में... इस विधि से करें सूर्य देव की पूजा सूर्य देव की पूजा करने के लिए नियमित रूप से ब्रह्म मुहूर्त में उठें और स्नानादि से निवृत्त होकर पूजा का संकल्प लें और अपने आप को शुद्ध कर भगवान भास्कर को जल अर्पित करें। जल अर्पित करते समय निम्न मंत्र का उच्चारण अवश्य करें। एहि सूर्य सहस्त्रांशो तेजोराशे जगत्पते। अनुकम्पय मां देवी गृहाणार्घ्यं दिवाकर:।। इसके बाद गायत्री मंत्र का जाप करें। ॐ ॐ ॐ ॐ भूर्भुव: स्वः तत् सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात् ।। इसके बाद भगवान विष्णु का स्मरण करें और निम्न मंत्र का उच्चारण करें. शांता कारम भुजङ्ग शयनम पद्म नाभं सुरेशम। विश्वाधारं गगनसद्र्श्यं मेघवर्णम शुभांगम। लक्ष्मी कान्तं कमल नयनम योगिभिर्ध्यान नग्म्य्म।" इसके बाद, पीले वस्त्र धारण करें और भगवान भास्कर की पूजा फल, धूप-दीप, दूर्वा आदि से करें। इसके बाद भगवान की आरती एवं अर्चना कर भगवान से सुख, शांति और समृद्धि की कामना करें। संभव हो तो सामर्थ्य अनुसार ब्राह्मणों को दान दें। इस तरह से पूजा-अर्चना और उपासना करने से जीवन में सुख, शांति का आगमन होता है और रोजगार के नए रास्ते खुलते हैं।
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