संकट कटे मिटे सब पीरा जो सुमीरे हनुमत बलबीरा...यह सच है कि जीवन में आए संकटों को दूर करने के लिए महाबली हनुमान जी का सुमिरन काफी फलदायी होता है। जिस तरह श्री राम के जीवन में आए कष्ट को हनुमान जी ने अपने बल और बुद्धिमानी से दूर किया था। वैसे ही वह अपने भक्तों के जीवन में आए कष्टों को हर लेते हैं। हनुमान जी की पूजा या उनको प्रसन्न करना बहुत कठिन नहीं है। हालांकि बजरंगबली के भक्त उनको प्रसन्न करने के लिए बहुत कुछ करते हैं लेकिन सिर्फ एक छोटे से उपाय से भी पवनपुत्र हनुमान जी को प्रसन्न किया जा सकता है। बजरंगबली को सिंदूर बेहद प्रिय है। आपने अक्सर देखा होगा कि हनुमान जी को कई भक्त सिंदूर चढ़ाते हैं और कई लोग मन्नत पूरी होने के बाद भी हनुमान जी पर सिंदूर चढ़ाते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि ऐसा क्यों किया जाता है और हनुमान जी को सिंदूर इतना प्रिय क्यों हैं? पौराणिक कथा के अनुसार एक बार माता सीता स्नान करने के बाद सिंदूर लगा रहीं थीं। इस दौरान हनुमान जी ने आश्चर्य के साथ माता सीता से पूछा… हे जगत जननी…. आप अपने मस्तक पर सिंदूर क्यों लगाती हैं? तब माता सीता ने पवनपुत्र से कहा, हे पुत्र! इसे लगाने से प्रभु श्रीराम दीर्घायु होंगे और हमेशा मेरे ऊपर प्रसन्न रहते हैं। माता सीता के मुख से यह बात सुनकर हनुमान जी प्रसन्न हुए और विचार करने लगे कि जब उंगली भर सिंदूर लगाने से प्रभु श्रीराम की आयु में वृद्धि होती है तो फिर क्यों ना मैं सारे शरीर पर इसे पोतकर अपने स्वामी को अजर-अमर कर दूं। फिर क्या था, हनुमान जी ने ऐसा ही किया। सारे शरीर पर सिंदूर पोत कर प्रभु श्रीराम के सम्मुख जाकर खड़े हो गए। श्रीराम हनुमानजी की सरलता देखकर काफी प्रसन्न हुए और इसके बाद से ही हनुमानजी को प्रसाद के साथ सिंदूर भी चढ़ाया जाने लगा। हिंदू धर्म में मंगलवार के दिन हनुमान जी को सिंदूर का चोला चढ़ाने की मान्यता है। अगर आप भी हनुमान जी की प्रतिमा पर सिंदूर का चोला चढ़ाते हैं तो पहले उनकी प्रतिमा को जल से स्नान कराएं। इसके बाद पूजा सामग्री अर्पण करें। इसके बाद मंत्र का उच्चारण करते हुए चमेली के तेल में सिंदूर मिलाकर या सीधे प्रतिमा पर हल्का देसी घी लगाकर उस पर सिंदूर का चोला चढ़ा दें। इसके बाद यह मंत्र करें - सिन्दूरं रक्तवर्णं च सिन्दूरतिलकप्रिये। भक्तयां दत्तं मया देव सिन्दूरं प्रतिगृह्यताम।। हनुमान जी को इस प्रकार सिंदूर का चोला चढ़ाने और पूरे मन से पूजा आर्चना करने से जीवन में आए संकटों का नाश होता है और साथ ही घर-परिवार में खुशहाली का आगमन होता है।
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