भगवान श्रीराम और श्रीकृष्ण जी के साथ ऋषि मुनियों द्वारा जपे गए गायत्री मंत्र से मानव जाति का कल्याण होता ही है लेकिन महाभारत के अनुसार गायत्री मंत्र से ब्रह्मदर्शन संभव है. यह अलौकिक मंत्र मन में छिपे भय को भी समाप्त करता है. मन के दुख, द्वेष, पाप, भय, शोक जैसे नकारात्मक चीजों का अंत हो जाता है. साथ ही मनुष्य मानसिक तौर पर जागृत हो जाता है. आपको बता दें कि प्रत्येक दिन गायत्री मंत्र का जाप करना चाहिए. आपको इसका अद्भुत लाभ देखने को मिलेगा. आइए आपको बताते हैं कि गायत्री मंत्र का जाप किस समय करना चाहिए और इसका अर्थ क्या होता है. गायत्री मंत्र ॐ भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात्। गायत्री मंत्र का अर्थ सृष्टिकर्ता प्रकाशमान परामात्मा के तेज का हम ध्यान करते हैं, वह परमात्मा का तेज हमारी बुद्धि को सन्मार्ग की ओर चलने के लिए प्रेरित करे. गायत्री मंत्र जाप का समय गायत्री मंत्र का जाप तीन बार किया जा सकता है. पहला समय है सूर्योदय से ठीक पहले, जिसे सूर्योदय के बाद तक करना चाहिए. दूसरा समय है दोपहर का और तीसरा समय है सूर्यास्त से ठीक पहले और सूर्यास्त के बाद तक करना चाहिए. गायत्री मंत्र जाप के फायदे -कहते हैं कि गायत्री मंत्र के जाप से दुख और दरिद्रता का नाश होता है, संतान की प्राप्ति होती है. -मान्यता है कि गायत्री मंत्र जाप से मन शांत और एकाग्र रहता है. मुखमंडल पर चमक आता है. -किसी भी कार्य में सफलता प्राप्त करने के लिए गायत्री मंत्र का जाप किया जा सकता है. -शिव गायत्री मंत्र का जाप करने से पितृदोष, कालसर्प दोष, राहु-केतु तथा शनि की पीड़ा से मुक्ति मिलती है. -शिव गायत्री मंत्र: ॐ तत्पुरुषाय विदमहे, महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्र: प्रचोदयात्. -नारियल का बुरा और घी का हवन गायत्री मंत्र के साथ करने से शत्रुओं का नाश होता है. -कहते हैं कि स्मरण शक्ति को बढ़ाने के लिए 108 बार गायत्री मंत्र का जाप करना चाहिए.
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