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पतंजलि योगपीठ ट्रस्ट को मिली भारतीय शिक्षा बोर्ड की कमान

अब भारत में एक बार फिर गुरुकुल या परंपरिक शैली की शिक्षा व्यवस्था शुरू होने को है, इसका गठन और संचालन लिए केंद्र सरकार ने योगर्षि पूज्य स्वामी रामदेव जी की पतंजलि योगपीठ ट्रस्ट को कमान सौंपा है। शिक्षा मंत्रालय के द्वारा स्वामी जी के प्रस्ताव को स्वीकार कर इसकी तैयरी करने की अनुमति दे दी है। इसपर स्वामी बाबा रामदेव जी ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा की जब पूरा देश आज़ादी का अमृत महोत्सव माना रहा ऐसे में केंद्र सरकार ने भारतीय शिक्षा बोर्ड का गठन कर एक ऐतिहासिक कार्य किया है। सीबीएसई के तर्ज़ पर शिक्षा के स्वदेशीकरण का एक राष्ट्रीय स्कूल बोर्ड स्थापित करने का सुझाव सबसे पहले स्वामी रामदेव जी ने ही दिया था। 2015 में स्वामी रामदेव जी ने महर्षि दयानंद की पुरातन शिक्षा और आधुनिक शिक्षा के मिश्रण की पेशकश की थी। साथ ही उन्होंने भारतीयकरण करने के लिए एक स्कूल बोर्ड के गठन करने का प्रस्ताव केंद्र सरकार के सामने रखा था जिसे शिक्षा मंत्रालय ने 2016 में इसे ख़ारिज कर दिया था। इसके बाद स्वामी बाबा रामदेव जी ने एक बार फिर मोदी सरकार के मंत्रियों से मिलकर भारतीय शिक्षा बोर्ड के खूबियों के बारे में बताया। जिसको 2019 में लोकसभा चुनाव से पहले गठन कर लिया गया था और तैयारी ऐसी थी की आचार संहिता शुरू होने से पहले मंज़ूरी मिल जाए। हालांकि शिक्षा मंत्रालय के तहत आने वाले स्वायत्त संगठन उज्जैन स्थित महर्षि राष्ट्रीय वेद विध्या प्रतिष्ठान (एमएसआरवीवीपी)  ने इस प्रक्रिया को रोकने का असफल प्रयास किया था। दरसल एमएसआरवीवीपी खुद की एक शिक्षा बोर्ड शुरू करना चाहता था लेकिन सरकार द्वारा इस आपत्ति को ख़ारिज कर दिया गया था।   बीएसबी  को देश का प्रथम राष्ट्रीय स्कूल बोर्ड माना जाएगा और इसे पाठ्यक्रम तय करने, स्कूल को संबद्ध करने, परीक्षा आयोजित और प्रमाण पत्र जारी करने का अधिकार होगा। इस संस्था के तहत पुरानी गुरुकुल और परंपरिक  शैली की शिक्षा को आधुनिक शिक्षा के साथ मिश्रित कर पारंपरिक रूप में पढ़ाई करवाई जाएगी। इसके साथ ही शिक्षा मंत्रालय के ओर से भारतीय शिक्षा बोर्ड का गठन करने के प्रस्ताव को हरी झंडी मिल गई है। इस उपलब्धि के बाद योग गुरु स्वामी रामदेव जी ने कहा कि 1835 में जो मैकाले पाप कर के गया था उसको साफ़ करने का समय आ गया है और यह कार्य पतंजलि भारतीय शिक्षा बोर्ड के ज़रिए करने जा रहा है। इसके साथ ही स्वामी रामदेव जी ने प्रधानमंत्री और गृह मंत्री का आभार जताया और कहा की अब भारत के बच्चों की मानसिकता भारतीयता के अनुरूप तैयार होगा और कहा कि भारत को अब वह नेतृत्व गढ़ेंगे जो भारत नहीं पूरे विश्व का नेतृत्व करेंगे।