रक्षाबंधन का पर्व अगस्त के 10-11 को मनाया जाएगा। भाइयों की लम्बी आयु की कामना के लिए बहनें उनकी कलाइयों पर रखी बांधेंगी और भाई अपनी बहन की रक्षा का वादा करेंगे। इसी क्रम में वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर में अब तक लगभग 10 हज़ार से ज्यादा राखियां देश भर से पहुंच चुकी हैं। यहां गौर करने वाली बात यह है कि सबसे ज्यादा राखियां दिल्ली, पंजाब और महाराष्ट्र से आ रहे हैं। बांके बिहारी मंदिर में राखियों के साथ पत्र भी आ रहे हैं जिसमें किसी ने अपनी समस्या लिखी है तो किसी ने भगवान को लाड़ लगाया है। कुछ पत्र ऐसे भी आए हैं जिसमें बहनों ने अपना दर्द भी साझा किया है। वहीं दिल्ली से आई राखी के साथ पत्र में बहन ने लिखा है कि भईया बांके बिहारी मेरी बहन को एग्ज़ाम में 85% मार्क्स दिला देना। वहीं महाराष्ट्र से एक अनूठी राखी आयी है, इसके साथ चावल, मेवा, चिट्ठी और दो रेनकोट भी हैं। कर्मचारियों ने जब रेनकोट देखा तो वे हैरान हो गए। चिट्ठी में लिखा है कि सपने में बांके बिहारी और राधा रानी जी निधिवन में रास कर रहे होते हैं और उसी दौरान बारिश आ जाती है और दोनों भीग जाते हैं। निधिवन जाते या रास रचाते वक़्त बरसात में बांके बिहारी और राधा रानी जी भीगे नहीं इसलिए रेनकोट भेज रही हूं । मंदिर के उप प्रबंधक ने बताया कि राखी भेजने का सिलसिला रक्षा बंधन से एक माह पहले ही शुरू हो जाता है और हज़ारों की संख्या में भगवान जी के लिए राखियां आती हैं। इन राखियों को सुबह से लेकर शाम तक भगवान को बांधा जाता है।
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