उज्जैन: शहर में सावन के आखिरी सोमवार को धूम धाम के साथ बाबा महाकाल की शाही सवारी निकाली गई। बाबा महाकाल की ये चौथी सवारी थी, जिसमें बड़ी संख्या में लोगों ने हिस्सा लिया। सावन के आखिरी सोमवार के मौके पर सुबह मंत्रोचारण के साथ बाबा महाकाल को पंचामृत से अभिषेक किया गया और फिर शाम 4 बजे बड़े ही धूम धाम के साथ बाबा की सवारी निकाली गई। इस दौरान बाबा महाकाल ने चंद्रमोलेश्वर स्वरुप में चांदी की पालकी पर सवार होकर भक्तों को दर्शन दिए। मिली जानकारी के मुताबिक बाबा की इस शाही सवारी को देखने के लिए 2 लाख से ज्यादा लोग उज्जैन पहुंचे थे। शाम 4 बजे जब बाबा महाकाल की शाही सवारी मंदिर से निकली तो मुख्य द्वार पर स्थित सशस्त्र पुलिस बल के जवानों ने सबसे पहले बाबा को सलामी दी। फिर सवारी परम्परागत मार्ग महाकाल घाटी, गुदारी चौराहा, कहार वाड़ी होते हुए राम घाट पर पहुंची और फिर यहां बाबा को शिप्रा नदी के जल से अभिषेक और फिर पूजा-अर्चना की गई। शिप्रा नदी के तट पर बाबा का जलाभिषेक और फिर पूजन के बाद निर्धारित मार्ग से होते हुए करीब शाम 7 बजे सवारी फिर मंदिर पहुंची। इस दौरान एक खास नजारा देखने को मिला, वो था लोगों के हाथ में तिरंगा। बाबा महाकाल की सवारी के दौरान लोग हाथ में तिरंगा लिए बाबा का स्वागत कर रहे थे।
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