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रक्षाबंधन के मौक़े पर ही खुलता है इस मंदिर का कपाट

उत्तराखंड: भारत में ऐसी कई मंदिर हैं जिनसे कोई न कोई अद्भुत कहानी जुड़ी हुई है। भारत में धार्मिक रीति रिवाजों का अलग ही महत्व रहता है जहां हर धर्म के रिवाजों को पूरी निष्ठा के साथ पूजा जाता है। ऐसे में उत्तराखंड राज्य में स्थित एक अनोखा मंदिर है जिसके पट सिर्फ़ रक्षाबंधन के दिन ही खुलता है। उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित यह मंदिर बंशीनारायण या बंशीनारायण मंदिर के नाम से विख्यात है। इस मंदिर का धर्म के साथ साथ पर्यटन से भी रिश्ता है। पर्यटन से रिश्ता कहने से मतलब है की लोग यहाँ तक पहुंचने के लिए मशक्कत करके आते हैं। इस मंदिर तक आने के लिए चढ़ाई करनी पड़ती है। माना जाता है कि यहां भगवान श्रीकृष्ण और कल्याणकारी शिव की प्रतिमा है। इस मंदिर के बारे में एक कथा प्रचलित है जिसके अनुसार विष्णु जी अपने वामन अवतार से मुक्ति के बाद यहीं प्रकट हुए थे। इसके बाद ऋषि नारद ने विष्णु जी की यहां पूजा करते हैं और यही वजह है कि धरती पर मनुष्यों को सिर्फ़ एक दिन पूजा का अधिकार मिलता है। इस मंदिर की अंदर से ऊंचाई महज़ 10 फुट  है और इसके पुजारी राजपूत हैं जो रक्षाबंधन पर विशेष पूजा आयोजित करते हैं। इस मंदिर के समीप ही एक गुफा है जिसको लोग भालू गुफा कहते हैं और यहीं भक्तों के लिए प्रसाद बनाया जाता है। कहा जाता है कि इस जगह हर घर से मक्खन आता है और उसी से बना प्रसाद भगवान को अर्पित किया जाता है।